अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते एक महीने के लिए ब्रिटेन को छोड़कर बाकी यूरोप से लोगों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगाने के बाद दुनिया भर के शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गए। इस दौरान कच्चे तेल की कीमतों में भी भारी गिरावट हई और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ गई।
दुनिया भर में इस बीमारी के काबू में आने के संकेत नहीं मिल रहे हैं और इस बीच एक असाधारण संबोधन में ट्रंप ने कहा कि यूरोपीय देशों पर लगाया गया प्रतिबंध 30 दिनों के लिए होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है और कहा है कि इसके कहा कि इसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए। ऐसे में पहले ही गिरावट का सामना कर रहे एशियाई शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गए।
दुनिया भर के बाजारों में हुई भारी गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजारों में भी देखा गया और शुरुआती कारोबार के दौरान निवेशकों के आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गए। वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल के बीच 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,864.02 अंक या 5.22 प्रतिशत टूट कर 33,833.38 के स्तर पर आ गया।
शेयर बाजार के पतन के चलते निवेशकों की 8.56 लाख करोड़ रुपये डूब गये। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बुधवार को कारोबार खत्म होने पर 137 लाख करोड़ रुपये था, जो गुरुवार को सुबह साढ़े 10 बजे तक घटकर 128 लाख करोड़ रुपये रह गया।
व्यापारियों ने कहा कि वैश्विक रुख के अलावा विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने के चलते निवेशकों की भावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को सकल आधार पर 3,515.38 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
शुरुआती कारोबार के दौरान बीएसई में 1,789 शेयरों में गिरावट आई, जबकि सिर्फ 152 शेयर बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
तोक्यो में पांच फीसदी से ज्यादा, हांगकांग में 3.8 प्रतिशत और सिडनी में लगभग सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बैंकॉक शेयर बाजार लगभग आठ प्रतिशत नीचे चला गया।
सियोल, वेलिंगटन, मुंबई और ताइपे में लगभग चार प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि सिंगापुर और जकार्ता में तीन प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई। शंघाई शेयर बाजार में 1.3 फीसदी की गिरावट आई।
इस दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले जापानी येन में एक प्रतिशत से अधिक का उछल आया। एक्सीकॉर्प के स्टीफन इनेस ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध से वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में कमी आएगी, इसलिए कारोबारी बिकवाली कर रहे हैं। अमेरिकी बाजारों से नकारात्मक संकेत आने के बाद सभी उसकी गिरफ्त में है।
अमेरिका से एक के बाद एक कई बुरी खबरें आईं, जिसका असर वॉल स्ट्रीट पर दिखा। हिल्टन ने अपनी कमाई के पूर्वानुमान को वापस ले लिया, जबकि बोइंग ने कहा कि वह नियुक्तियों और ओवरटाइम भुगतान को निलंबित करेगा। इसके चलते डॉव में गिरावट आई और यह हाल में अपने उच्चतम स्तर से 20 प्रतिशत टूट चुका है।
कोरोना वायरस के प्रकोप से वास्तव में कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है। सबसे अधिक असर पर्यटन पर हुआ है। चीन, ईरान और इटली समेत दुनिया भर में कोरोना वायरस से 4,500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 1.24 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.