Corona PM Modi 21 days lockdown
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मंगलवार को अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की। इसके बाद केंद्र सरकार ने बताया कि इस अवधि तक सड़क, रेल और हवाई सेवाएं स्थगित रहेंगी।

कोरोना वायरस से मंगलवार को दिल्ली और महाराष्ट्र में एक-एक और मौतों के साथ देश में अब तक इस संक्रमण से 11 लोगों की जान जा चुकी है जबकि करीब 500 लोग इससे संक्रमित हैं। इस वायरस को लेकर लोगों का भय बढ़ता जा रहा है क्योंकि दुनिया में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 17,000 के करीब पहुंच गई है।

कोरोना वायरस के खतरे के बीच प्रधानमंत्री ने एक हफ्ते से कम समय में दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बंदी मंगलवार मध्य रात्रि से शुरू होगी। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के केंद्रीय आवंटन का भी ऐलान किया।

अधिकारियों ने बताया कि बीमारी के फैलने के डर से कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही 31 मार्च तक बंद की घोषणा कर रेल, सड़क और हवाई यातायात को स्थगित कर दिया था। हालांकि, आवश्यक वस्तुओं को देशभर में पहुंचाने के लिए माल की ढुलाई जारी रहेगी। गृह मंत्रालय की ओर से जारी छह पन्ने के दिशानिर्देश के मुताबिक रियाती मूल्य पर सामान देने वाले , खाने पीने के सामान, किराने की दुकान, सब्जी, फल, मांस, मछली और जानवरों के खाने के दुकानें खुली रहेंगी।

कोरोना वायरस संक्रमण से पैदा संकट पर राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, ''हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हिंदुस्तान के हर नागरिक को बचाने के लिए आज रात 12 बजे से घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है।''

मोदी ने कहा, ''देश के हर राज्य को, हर केंद्र शासित प्रदेश को, हर जिले, हर गांव, हर कस्बे, हर गली-मोहल्ले को अब लॉकडाउन किया जा रहा है।'' ..
उन्होंने कहा, यह एक तरह से कर्फ्यू ही है और जनता कर्फ्यू से थोड़ा ज्यादा सख्त है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी।

संबोधन के दौरान हाथ जोड़कर लोगों से सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील करते हुए मोदी ने कहा, यह प्रधानमंत्री से लेकर गांव वाले तक पर लागू होगा। मोदी ने कहा, ''अगर हम 21 दिन को ठीक से नहीं संभाले तो हमारा देश, हमार परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में सख्त कदम की जरूरत है।"

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मोदी ने कहा कि आपका घर से बाहर एक कदम कोरोना वायरस को घर में लाने का रास्ता बनाएगा। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि इस फैसले की आर्थिक कीमत होगी। साथ ही कहा कि लोगों की जिंदगी सरकार के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए सामाजिक मेल मिलाप से दूरी एकमात्र उपाय है। उनका यह बयान देश के विभिन्न हिस्सों में बंदी को तोड़कर लोगों के बाहर निकलने के बीच आया है।

मोदी ने कहा, विशेषज्ञ और घातक कोरोना वायरस से लड़ रहे अनुभवी देशों से स्पष्ट किया है कि सामाजिक मेल मिलाप से दूरी ही इस बीमारी से लड़ने का एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा, ''सामाजिक मेल मिलाप से दूरी न केवल संक्रमित व्यक्ति के लिए बल्कि प्रधानमंत्री सहित सभी नागरिकों के लिए है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, ''मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस चुनौती में विजयी होकर निकलेंगे।" उन्होंने लोगों से अपनी और अपने परिवार की देखभाल करने को कहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आम आदमी के डर को दूर करते हुए कहा कि लोगों को 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामान और दवाओं की उपलब्धता को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें इसे सुनिश्चित करने के लिये मिलकर काम रही हैं।

मोदी ने लोगों का आह्वान किया कि वे भय के कारण अधिक खरीदारी नहीं करें क्योंकि दुकानों पर भीड़ की वजह कर वे कोरोना वायरस के खतरे को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह टिप्पणी लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर खरीदारी पर की।

इसके अलावा मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वरिष्ठ पत्रकारों से संवाद करते हुए कहा कि वे नागरिकों को आश्वस्त करे कि सरकार कोरोना वायरस के असर का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों में लड़ने की भावना होना अनिवार्य है।

कोरोना वायरस के कारण भारतीय उद्योग और नौकरियों पर पड़ रहे बुरे प्रभाव के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि संकट से निपटने में मदद के लिए जल्द ही एक आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाएगी। सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि पैकेज की जल्द से जल्द घोषणा की जाएगी।

महाराष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक राजधानी मुंबई में 65 वर्षीय एक व्यक्ति की कोरोना वायरस से मौत हो गई इसके साथ ही शहर में कोविड-19 से मृतकों की संख्या तीन हो गई है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 107 मामले सामने आए हैं जबकि 91 मामलों के साथ केरल दूसरे स्थान पर है।

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बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एक बयान में कहा कि मुंबई में 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस से हुई है, वह हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से अहमदाबाद लौटा था। बाद में उसने बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की। मरीज को 20 मार्च को मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल लाया गया, लेकिन उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई। बीएमसी ने कहा कि इस व्यक्ति को उच्च रक्तचाप और गंभीर मधुमेह सहित पहले से मौजूद कई बीमारियां थीं। उसकी मौत सोमवार की शाम को हुई।

इससे पहले हुईं नौ मौत महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में दर्ज की गईं। आधिकारिक आकंड़ों के अनुसार 40 लोगों का उपचार किया जा चुका है/अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है/वापस जा चुके हैं।

विषाणु संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही अधिकारियों ने लगभग पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया है, लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी है और सड़क, रेल तथा हवाई यातायात को अभूतपूर्व कदमों के तहत बंद कर दिया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार शाम को अपडेट किए गए डेटा के अनुसार देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 519 तक पहुंच गई है जिनमें 470 सक्रिय मामले हैं। इन आंकड़ों में 41 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। मुंबई में हुई हालिया मौत को स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया। हालांकि, दिल्ली में दूसरी मौत की जानकारी दी गई है लेकिन विस्तृत ब्योरा नहीं दिया गया है।

इससे पहले हुईं नौ मौत महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में दर्ज की गईं। आधिकारिक आकंड़ों के अनुसार 40 लोगों का उपचार किया जा चुका है/अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है/वापस जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री द्वारा 21 दिनों की राष्ट्रव्यापी बंदी के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने 25 मार्च को सूचीबद्ध मामलों को स्थगित कर दिया। इससे पहले बुधवार न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यामूर्ति सूर्य कांत एवं न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की दो पीठों के समक्ष 15 मामलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुना जाना था।

केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कुछ मुख्यमंत्रियों से बात की और लोगों के घरों से बाहर रहने पर कर्फ्यू लगाने की आवश्यकता से अवगत कराया।अधिकारी ने कहा कि यह अब राज्य सरकारों पर है कि वे स्थानीय स्थिति के हिसाब से कार्रवाई करें और जिला मजिस्ट्रेटों को आवश्यक निर्देश दें जिनके पास कर्फ्यू लगाने की शक्ति है।

इस बीच, बंद का उल्लंघन करने वालों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। जम्मू-कश्मीर में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर कुल 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 11 को गांदेरबल और 34 को हंदवाड़ा में पकड़ा गया।

दिल्ली से सटे नोएडा में भी प्रशासन ने मंगलवार को करीब 950 लोगों पर कार्रवाई की और भारतीय दंड संहिता की धारा 188(लोकसेवक के आदेश की अवहेलना) के तहत 298 प्राथमिकी दर्ज की और 200 वाहनों को जब्त किया।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.