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'मैं कुछ नहीं कर सकता था, सिवाय खुद पर और अपने चरित्र पर संदेह करने के अलावा।' यह शब्द हैं भारतीय क्रिकेटर केएल राहुल के जो उन्होंने तब की दशा बयां करते हुए कहे जब एक टीवी कार्यक्रम के दौरान उनकी और हार्दिक पंड्या की आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण विवाद पैदा हो गया था। राहुल और पंड्या को कार्यक्रम के दौरान महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के लिए अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया था।

प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी उच्चतम न्यायालय से नियुक्त बीसीसीआई लोकपाल को सौंपी है और इस पर फैसले का इंतजार है। राहुल ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच से स्वदेश भेजे जाने के बारे में बात की। उन्होंने कहा, 'यह बेहद मुश्किल दौर था क्योंकि मुझे इसकी आदत नहीं थी कि लोग मुझे नापसंद करें। पहले एक सप्ताह या दस दिन मैं कुछ नहीं कर सकता था सिवाय खुद पर और अपने चरित्र पर संदेह करने के अलावा। सबसे बुरी बात यह लग रही थी कि क्या आप वास्तव में बुरे इंसान हैं जबकि आपके बारे में इतना कुछ लिखा गया था।'

यह वह दौर था जबकि राहुल ने कुछ समय के लिए खुद को सामाजिक तौर पर अलग थलग कर दिया था, क्योंकि वह बाहरी व्यक्तियों के असहज सवालों का सामना करने से घबराते थे।

उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं बाहर जाने से डरता था, क्योंकि मैं इसके लिए तैयार नहीं था। अगर कोई सवाल पूछेगा तो मैं नहीं जानता कि मैं क्या जवाब दूंगा। मैं अभ्यास के लिए जाता, वापस घर लौटता और अपने प्लेस्टेशन में खो जाता क्योंकि मैं लोगों का सामना करने के लिए तैयार नहीं था।'

राहुल ने स्वीकार किया कि भारतीय टीम से जुड़े ग्लैमर के कारण वह कुछ समय के लिए अपनी जड़ों और शुभचिंतकों से दूर हो गए थे।

उन्होंने कहा, 'जब आप देश की तरफ से खेलते हैं तो आपका ध्यान भटक जाता है। आप हमेशा दौरे पर रहते हैं और भूल जाते हैं कि कौन आपका सच्चा दोस्त है या परिवार कितना महत्वपूर्ण है। मैं लंबे समय तक दौरों पर रहा और विश्राम नहीं ले पाया था। '

राहुल ने कहा,'इस तरह से आप परिवार या दोस्तों से दूर हो जाते हो। आपके पास दोस्त बनाने के लिए समय नहीं होता है।' राहुल ने भारतीय टीम के अपने साथियों और सहयोगी स्टाफ का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने बुरे दौर में उनका पूरा साथ दिया। उन्होंने कहा, 'यहां तक कि जब मैं ऑस्ट्रेलिया से स्वदेश लौट रहा था तो कई लोगों ने आकर मुझे दिलासा दी और कहा कि हम सभी से गलती हो जाती है और हमें इसके लिए किसी न किसी तरह की सजा भुगतनी पड़ती है।'

उन्होंने कहा, 'टीम के एक सीनियर सदस्य ने मुझे सोशल मीडिया से दूर रहने और खुद पर संदेह नहीं करने की सलाह दी।' राहुल ने कहा, 'लोगों ने बहुत कुछ कहा जिससे आप खुद पर संदेह करना शुरू कर देते हैं लेकिन ऐसे समय में परिवार, दोस्त, टीम के साथियों ने मेरा साथ दिया।'