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भारतीय व्यवसायी और कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (सीसीडी) आउटलेट्स के मालिक वीजी सिद्धार्थ सोमवार (29 जुलाई) की रात मंगलुरु से लापता हो गए। वह कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद हैं। इस बीच तीन दिन पुरानी उनकी एक चिट्ठी भी सामने आई है जिसमे सिद्धार्थ ने अपनी परेशानियों का जिक्र किया है। पत्र में कंपनी को हो रहे नुकसान और भारी कर्ज की बात की गई है।

सिद्धार्थ को आखिरी बार उनके ड्राइवर बसवराज पटेल के साथ उल्लाल स्थित नेत्रवती पुल के पास देखा गया था। ऐसा माना जा रहा है कि वह सोमवार रात लगभग 9 बजे नेत्रावती नदी को पार करने वाले इस पुल से कूद गए। मंगलुरु पुलिस शहर से लगभग 6 किमी दूर इस इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रही है।

उनके ड्राइवर के बयान के अनुसार, सिद्धार्थ बेंगलुरु से सकलेशपुर जा रहे थे लेकिन रास्ते में उन्होंने अपना इरादा बदल दिया और ड्राइवर को मंगलुरु चलने के लिए कहा। जब वे पुल पर पहुँचे, तो वह कार से नीचे उतरे और अपने ड्राइवर को आगे जाने के लिए कहा और दूसरे छोर पर रुक गए, जिसके बाद वह लापता हो गया।

रिपोर्टों के अनुसार, सिद्धार्थ ने केए 03 एनसी 2592 नंबर वाली एक इनोवा कार में सवार थे। इस दौरान इनके साथ दो अन्य लोग भी मौजूद थे जो मंगलुरु में पंपवेल इलाके के पास उतर गए थे।

पुलिस को आशंका है कि सिद्धार्थ बहती नदी में कूद गए होंगे तभी ड्राइवर को वहां नहीं मिले। बहरहाल, उनकी तलाश में 200 पुलिसकर्मियों समेत 25 गोताखोरों को लगाया गया है।

इस बीच तीन दिन पुरानी उनकी एक चिट्ठी भी सामने आई है, जो पुलिस की थ्योरी को सही साबित करती दिख रही है। सिद्धार्थ ने इस चिट्ठी में लिखा है, 'मैंने बहुत संघर्ष किया लेकिन एक इक्विटी पार्टनर के दबाव को और बर्दाश्त नहीं कर सकता। वह मुझपर लगातार उन शेयरों को बायबैक करने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिसका ट्रांजैक्शन मैंने आंशिक रूप से छह महीने पहले एक दोस्त के साथ पूंजी इकट्ठा करने के लिए किया था।' सिद्धार्थ ने अपने निवेशकों और कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से माफी मांगते हुिए सरेंडर करने की बात लिखी है। बताया जा रहा है कि सीसीडी पर 7000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था।

तीन दिन पहले लिखे गए इस खत में सिद्धार्थ ने अपनी परेशानियों का जिक्र किया है। पत्र में कंपनी को हो रहे नुकसान और भारी कर्ज की बात की गई है। इसके अलावा आयकर विभाग के एक पूर्व डीजी के दबाव की भी चर्चा है।

सिद्धार्थ के लापता होने के बाद यह लेटर सामने आया है जो 27 जुलाई को लिखा गया है। इसमें उन्होंने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और सीसीडी परिवार से कहा है कि 37 साल बाद वह अपनी तमाम कोशिशों के बाद भी एक सही और फायदे वाला बिजनस मॉडल नहीं तैयार कर सके हैं।