Kabul Gurudwara Attacker from Kerala
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काबुल में सिखों पर हुए आतंकी हमले में शामिल चार आतंकवादियों में से एक 30 वर्षीय वही दुकानदार था, जो चार साल पहले केरल के 14 अन्य युवकों के साथ इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) में शामिल होने के लिए भाग गया था। इस्लामिक स्टेट ने शुक्रवार को अबू खालिद अल-हिंदी की एक तस्वीर प्रकाशित की, जो आत्मघाती हमलावर था। वह उसी चार सदस्यीय टीम का हिस्सा था, जिसने काबुल के गुरुद्वारे पर हमला किया था।

बुधवार को हुए इस हमले में 25 सिखों की जान चली गई थी। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में सिख ऐसे अल्पसंख्यक हैं जिनकी आबादी बेहद कम है।

शीर्ष सूत्रों ने कहा कि अल-हिंदी ही मोहम्मद साजिद कुथिरुलमाल है, जो केरल के कासरगोड के इलाके में एक दुकानदार था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 2016 से इसकी तलाश में है। उसके खिलाफ इंटरपोल का नोटिस भी जारी हो चुका है।

जुलाई 2016 में केरल के कासरगोड में रहने वाली दंपत्ति ने पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका 30 वर्षीय बेटा अब्दुल राशिद अपनी पत्नी आयशा (सोनिया सेबेस्टियन) और बच्चे के साथ लगभग दो महीने से लापता है। उस वक्त कहा गया था कि वे सभी मुंबई गए हैं।

उसी दौरान यहां के अलग-अलग थानों में साजिद और 14 अन्य लोगों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला था कि लापता सारे लोग प्रतिबंधित इस्लामी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल हो गए थे।

इन सभी लोगों के आईएसआईएस में शामिल होने के मामले की जांच में पता चला था कि 29 वर्षीय यास्मीन मोहम्मद जाहिद साजिशकर्ता है। आगे की जांच में पता चला कि यास्मीन मोहम्मद जाहिद दिल्ली के ओखला जामिया नगर स्थित बाटला हाउस इलाके में रहती थी, जो मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाली है। यास्मीन के साथ मिलकर अब्दुल राशिद आईएसआईएस के लिए काम करता था। 1 अगस्त 2016 को यास्मीन को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया था। उस वक्त वह बच्चे के साथ अफगानिस्तान भागने की फिराक में थी।

केरल पुलिस के अनुसार, यास्मीन मोहम्मद जाहिद और अब्दुल राशिद मिलकर आईएसआईएस के लिए धन जुटाने के साथ भारतीय युवाओं को इस संगठन के लिए प्रेरित करने का काम करते थे। यास्मीन की गिरफ्तारी के बाद यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था।

एनआईए की जांच में यह बात साबित हुई हो चुका है कि अब्दुल राशिद इस मामले में मुख्य षड्यंत्रकर्ता है। इसने कासरगोड के कई युवाओं को परिवार सहित भारत छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था। वह कासरागोड और अन्य स्थानों पर इस आतंकवादी संगठन और इसकी विचारधारा के समर्थन में क्लास आयोजित करता था।

एनआईए की जांच में पता चला है कि अब्दुल राशिद, यास्मीन और अन्य लोग 2015 से केरल और भारत के अन्य स्थानों में आईएसआईएस को स्थापित करने की गतिविधियों में शामिल थे। अब पता चला है कि अफगानिस्तान में हुए आतंकी हमले में केरल से भागे हुए लोग शामिल थे।

हालांकि एनआईए ने साजिद के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं की थी, लेकिन वह एक आरोपी के रूप में दर्ज है और मामले में फरार घोषित है। नाटो और अफगान सेनाओं ने नांगरहार में आईएसआईएस के अधिकांश सदस्यों को मारने का दावा किया है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि कई लोग बच गए होंगे। सूत्रों ने कहा कि साजिद स्पष्ट रूप से उन लोगों में से एक था जो नांगरहार से भाग निकले थे।

जांच में पता चला है कि अब्दुल राशिद और साजिद उसी जगह पर रह रहे थे जहां आईएसआईएस में भर्ती होने के लिए केरल से भागे हुए दूसरे लोग मौजूद थे। यह जानकारी इन लोगों के रिश्तेदारों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को खंगालने से पता चली है।

इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएसकेपी) ने बुधवार सुबह काबुल के शोरबाजार इलाके में सिख गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें सिख समुदाय के कम से कम 25 लोग मारे गए थे। जहां एक आत्मघाती हमलावर ने प्रवेश द्वार पर खुद को उड़ा लिया था, वहीं लगभग 150 लोग अंदर थे, तब तीन आईएस आतंकवादियों ने गुरुद्वारे पर हमला बोल दिया।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.