कर्नाटक की नई बनी सरकार में कांग्रेस और जनता दल (एस) गठबंधन के बीच मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर चल रही उठापठक की खबरों के बीच दोनों ही दलों के सर्वसम्मति से इस निर्णय पर पहुंचने की खबर है कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को उनका पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने दिया जाए.
जल्द ही कर्नाटक की नवनिर्मित सरकार को लेकर देनों सहयोगियों के बीच होने वाली सत्ता की साझेदारी को लेकर उम्मीद बनने के साथ दोनों ही दलों से 2019 के लोकसभा चुनावों में मिलकर चुनावी रण में उतरने का फैसला किया है.
टाईम्स आॅफ इंडिया ने 31 मई को कांग्रेस महासचिव अशोक गहलौत के हवाले से लिखा, कांग्रेस और जेडी(एस), दोनों ही दलों के नेताओं के बीच मंत्रीमंडल के बंटवारों को लेकर चर्चाओं के अलावा इन दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच एम समन्वय समिति के गठन करने, एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) तैयार करने और एक स्थिर और बेहतर सरकार देने जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई.
कांग्रेस को 34 में से 22 मंत्रीमंडल पद मिलने की उम्मीद है जबकि जेडी(एस) को 12. 34 पदों में से जेडी(एस) के कुमारस्वामी पहले ही मुख्यमंत्री का पद ग्रहण कर चुके हैं और कांगेेस के जी परमेश्वरा राज्य के उप-मुख्यमंत्री का.
बाकी बचे 32 मंत्रीपदों में से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाला वित्त मंत्रालय एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले दल को मिलने की उम्मीद है जबकि गृह मंत्रालय के राहुल गांधी के नेतृत्व वाले दल के हिस्से में आने के कयास लगाए जा रहे हैं.
इस बीच क्षेत्रीय दल के महासचिव दानिश अली स्पष्ट किया कि आखिरकार किन कारणों के चलते नवगठित सरकार को इन फैसलों तक पहुंचने में 10 दिन का समय लगा.
अली ने टीओआई को बताया, ''यह घोषणा एक लिखित समझौते के रूप में होगी जो पांच सालों तक एक स्थिर सरकार चलाने में महत्वपूर्ण सभी मुद्दों को हल करेगी. इस वजह से इसमें इतना समय लगा. हम चाहते थे कि सबकुछ लिखित में रहे ताकि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में यह सरकार पूरे पांच साल का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण करे.''
इसके अलावा अली ने गुरुवार को बेंगलृरू में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात कर मंत्रीमंडल के बंटवारे को लेकर वार्ता की.
बताया जा रहा है कि इससे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमरीका से फोन पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की थी और मंत्रीमंडल के बंटवारे को अपनी स्वीकृति प्रदान की.