घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को कारोबार थमने के 45 मिनट बाद फिर शुरू हुआ। इसके बावजूद बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में 3,186 अंक का गोता लगा गया जबकि एनएसई निफ्टी 7,900 के स्तर के नीचे आ गया। इस दौरान रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 92 पैसे लुढ़ककर 76.12 पर आ गया।
कारोबार शुरू होने के पहले घंटे में सेंसेक्स में 10 प्रतिशत की गिरावट और 'लोअर सर्किट' को छूने के बाद कारोबार को 45 मिनट के लिये रोक दिया गया था। बाजार में भारी गिरावट को रोकने के लिये एक स्वचालित व्यवस्था बनायी गयी है। इसके तहत अगर शेयर बाजार दोपहर एक बजे से पहले 10 प्रतिशत गिरता है तो कारोबार को 45 मिनट के लिये रोक दिया जाता है।
इस बीच, बाजार में कारोबार शुरू होने के बाद गिरावट का सिलसिला जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 3,185.84 अंक यानी 10.65 प्रतिशत लुढ़क कर 26,730.12 अंक पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान यह 26,645.83 अंक के न्यूनतम स्तर तक गया।
इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 923.95 अंक यानी 10.56 प्रतिशत का गोता लगाकर 7,821.50 अंक पर पहुंच गया। एक्सिस बैंक में सर्वाधिक 21 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। इसके अलावा इंडसइंड, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट और कोटक बैंक में गिरावट दर्ज की गयी।
शेयर बाजार में सोमवार शुरुआती एक घंटे के कारोबार के दौरान निवेशकों की 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति डूब गई। इस दौरान बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली और प्रमुख सूचकांक 10 प्रतिशत से अधिक टूट गए। कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों ने बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इसके चलते इक्विटी बाजारों में सप्ताह की शुरुआत बड़े पैमाने पर बिकवाली के साथ हुई।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण कारोबार को 45 मिनट के लिए रोके जाने से ठीक पहले 10,29,847.17 करोड़ रुपये घटकर 1,05,79,296.12 करोड़ रुपये रह गया। बीएसई के प्रमुख सेंसेक्स सूचकांक में 2,991.85 अंक या 10 प्रतिशत की गिरावट हुई, जिसके बाद कारोबार को 45 मिनट के लिए रोक दिया गया। बीएसई सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में थे।
एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक और बजाज फाइनेंस में जोरदार गिरावट हुई। बैंक, रियल्टी और वित्त क्षेत्र के शेयरों में भारी नुकसान देखने को मिला। सूचकांक में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले आरआईएल में 11.57 फीसदी और टीसीएस में 5.84 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
कारोबारियों के अनुसार भारत और दुनिया भर में सरकारों के बंदी के निर्णय से निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर हुआ। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के साथ केंद्र और राज्य सरकारों ने 75 जिलों को बंद करने का फैसला किया है।
बाजार नियामक सेबी ने बाजार के तेज उतार-चढ़ाव को काबू में करने के लिए कुछ उपायों की घोषणा की, लेकिन फिलहाल बाजार पर इसका असर नहीं है। शेयर बाजार और नियामक अधिकारियों ने हालांकि महामारी के मद्देनजर कारोबार के घंटों को कम करने के सुझावों को खारिज कर दिया।
इस दौरान शंघाई, हांगकांग और सियोल में प्रमुख सूचकांक चार फीसदी तक लुढ़के, जबकि टोक्यो लाभ के साथ कारोबार कर रहा था। व्यापारियों ने कहा कि विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली ने घरेलू प्रतिभागियों को जोखिम में डाल दिया है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को सकल आधार पर 3,345.95 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर तीन लाख से अधिक हो गई है और इससे 14,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.