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कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के नतीजे वाले दिन यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाये जाने से जुड़ी खबरों की पुष्टि या खंडन करने से इनकार कर दिया है। इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा की उन्हें ऐसी किसी बैठक और निमंत्रण की कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा उन्होंने इसकी पुष्टि या खंडन करने से भी इंकार किया।

गौरतलब है कि ऐसी खबरें आई थीं कि सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों की 23 मई को बैठक बुलाई है और इस संदर्भ में उन्हें सभी दलों को एक पत्र भी लिखा है। 23 मई को ही लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने हैं।

इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस ने इशारा दिया था कि वह गैर बीजेपी सरकार बनाने की कवायद में हर तरह से साथ देने को तैयार है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि गैर बीजेपी सरकार में अगर उनकी पार्टी को अगर प्रधानमंत्री पद की पेशकश नहीं की गई तो भी पार्टी इसे मुद्दा नहीं बनाएगी। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'हम इसे एक मुद्दा नहीं बनाने जा रहे हैं कि अगर हमें प्रधानमंत्री पद की पेशकश नहीं की गई तो हम किसी अन्य नेता को प्रधानमंत्री बनने नहीं देंगे।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीजेपी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकना चाहती है, जो कि जनविरोधी, किसान विरोधी, मजदूर विरोधी है। उन्होंने कहा, 'अगर केंद्र में एक गठबंधन सरकार बनेगी और यह बीजेपी-विरोधी पार्टियों के सहयोग से बनेगी व कांग्रेस सरकार में शामिल होगी तो पार्टी इसे प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाएगी।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन पर आजाद ने कहा था कि ना ही बीजेपी और ना ही एनडीए केंद्र में सत्ता में आएगी। मोदी पर निशाना साधते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, 'मोदी विश्व के ऐसे पहले नेता होंगे जिन्होंने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में 60 प्रतिशत समय विदेशी दौरों में बिताया। इसके अलावा बीजेपी के 90 प्रतिशत प्रचार अभियान की अगुवाई मोदी ने की।'