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Reuters

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, "पार्टी को और अधिक देरी के बिना नए अध्यक्ष पर जल्द फैसला करना चाहिए।" गांधी ने यह भी कहा कि वह अब पार्टी अध्यक्ष नहीं हैं।

राहुल गांधी ने कहा, "मैंने अपना इस्तीफा पहले ही दे दिया है और मैं अब पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं।"

कांग्रेस नेता ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) को जल्द से जल्द एक बैठक बुलाने और यह तय करने के लिए कहा है कि अगला पार्टी अध्यक्ष कौन होगा।

राहुल गांधी ने आज इसी को लेकर आज चार पन्नों का इस्तीफा दिया और इसे ट्विटर पर शेयर भी किया। कांग्रेस अध्यक्ष पद के इस्तीफा देने वाले राहुल गांधी ने कहा, 'मैं एक कांग्रेसजन के तौर पर पैदा हुआ, यह पार्टी हमेशा मेरे साथ रही है और यह मेरी रगो में है और हमेशा रहेगी।'

राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने नए कांग्रेस प्रमुख के चयन में देरी के बारे में बात की। गांधी ने इस तथ्य को भी स्पष्ट किया कि अगला प्रमुख नेहरू-गांधी परिवार से नहीं होना चाहिए।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। कांग्रेस ने चुनाव में महज 52 सीटें जीती। राहुल खुद अपने गढ़ उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्मृति इरानी से हार गए लेकिन केरल के वायनाड से जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब रहे।

लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि गांधी परिवार से बाहर के किसी शख्स को अध्यक्ष बनना चाहिए। इस बीच, कांग्रेस के बड़े नेता उन्हें मनाते रहे और यह कोशिश अब भी जारी है। हालांकि, आज जिस तरह राहुल गांधी ने दो-टूक कहा कि अब वह अध्यक्ष नहीं हैं और पार्टी को जल्द से जल्द नया अध्यक्ष चुनना चाहिए, इससे लग रहा है कि वह इस्तीफे के फैसले से पीछे हटने वाले नहीं हैं।

राहुल ने अपने चार पन्नों के इस्तीफे की शुरुआत में लिखा है, 'कांग्रेस पार्टी को अपना योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात है, जिसके मूल्यों और आदर्शों ने जीवनदायक रक्त की तरह हमारे खूबसूरत देश की सेवा की है। मैं इस देश और पार्टी के प्रति आभारी हूं।'

उन्होंने आगे लिखा, 'कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष रहते हुए मैं 2019 के चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेता हूं। हमारी पार्टी के भविष्य के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है। इसी कारण से मैं कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं।'

राहुल ने लिखा, 'पार्टी के पुनर्गठन के लिए कठिन फैसले लेना जरूरी है और 2019 की हार के लिए लोगों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। दूसरे लोगों को जवाबदेह ठहराना और पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा करना गलत होगा।'

राहुल ने लिखा, 'मेरे कई साथियों ने सुझाया कि मैं अगले पार्टी अध्यक्ष के नाम का सुझाव दूं। जबकि मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि कोई नया व्यक्ति पार्टी की कमान संभाले, ऐसे में मेरे लिए अध्यक्ष का चुनाव करना ठीक नहीं होगा। हमारी पार्टी का बड़ा इतिहास और विरासत है, पार्टी के संघर्ष और स्थिति का मैं बहुत सम्मान करता हूं। यह पार्टी भारतमय है और मुझे विश्वास है कि पार्टी इस बात को सही निर्णय लेगी कि कौन साहस, प्यार और निष्ठा के साथ हमारा नेतृत्व करेगा।'

लिखित इस्तीफा देने के साथ-साथ राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर भी अपने इस्तीफे की मुहर लगा दी है। राहुल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से 'कांग्रेस अध्यक्ष' हटा दिया है। अब इसके स्थान पर सांसद लिखा हुआ है।

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इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ गहलोत की मुलाकात 40 मिनट से ज्यादा चली। कांग्रेस के पांचों मुख्यमंत्रियों के सोमवार को राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें कांग्रेस प्रमुख पद पर बने रहने गुजारिश करने के 2 दिन बाद गहलोत ने सोनिया से मुलाकात की है। हालांकि, राहुल गांधी ने मुख्यमंत्रियों की मांगों को खारिज कर दिया था और उन्हें नए पार्टी अध्यक्ष की तलाश करने को कहा था।