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जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और राज्य के पुनर्गठन से बौखलाये पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें पाक की तरफ से कई बड़े फैसले लिए गए।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री आवास पर इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की। इस बैठक में तीन अहम कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने जो तीन फैसले लिए हैं, वह निम्न हैं-

1. भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला
2. भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर रोक
3. भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करना

पाकिस्तान ने बुधवार, 7 अगस्त की शाम भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा उसने भारत के साथ डिप्लोमैटिक रिलेशंस को डाउनग्रेड कर दिया है यानी राजनयिक संबंध का दर्जा घटा दिया है।

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने इसे लेकर भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने टीवी पर एक टिप्पणी की, 'हम अपने उच्चायुक्त को दिल्ली से वापस बुलाएंगे और भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज रहे हैं।' इसके अलावा पाकिस्तान ने यह 'धमकी' भी दी है कि वह मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा।

इसके अलावा एनएससी की बैठक में फैसला हुआ है कि 14 अगस्त का दिन पाकिस्तान कश्मीरियों को समर्थन देने के तौर पर मनाएगा और 15 अगस्त को काला दिवस मनाएगा।

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Thomas Peter-Pool/Getty Images

बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नैशनल सिक्यॉरिटी कमिटी (NSC) की बैठक बुलाई थी, जिसमें ये फैसले हुए। बैठक के बाद जारी बयान में बताया गया कि कुल 5 फैसले लिए गए हैं। पहला फैसला यह है कि भारत के साथ डिप्लोमैटिक रिलेशंस को डाउनग्रेड किया जाएगा। दूसरा फैसला भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड करने का है। तीसरा फैसला भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों और व्यवस्थाओं (समझौतों) की समीक्षा करने का है। चौथा फैसला मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाया जाएगा, UNSC में भी उठाया जाएगा। पांचवां फैसला 14 अगस्त को 'कश्मीरियों के साथ एकजुटता' जाहिर करने और 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस को 'काला दिवस' के रूप में मनाने का लिया गया है।

गौरतलब है कि संसद ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 की ज्यादातर धाराओं को खत्म करने के संकल्प को मंजूरी दी। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पारित हो चुका है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर लोकसभा में वोटिंग के दौरान पक्ष में जहां 370 वोट पड़े वहीं, विपक्ष में 70 वोट पड़े।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को संसद में कहा था कि कश्मीर पर लिए गए फैसलों के बाद भारत में पुलवामा जैसे हमले हो सकते हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि इससे परमाणु हथियार से संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच मौजूदा तनाव में युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी तो इमरान से भी एक कदम आगे बढ़ते हुए बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ युद्ध से नहीं डरना चाहिए। चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को अपमान और युद्ध में से किसी एक को चुनना होगा। उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को पूरी तरह से खत्म करने की भी मांग की।