कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार, 29 जुलाई को राज्य विधानसभा के एक विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल कर लिया है, जिसे बीजेपी सरकार के बहुमत साबित करने के लिए बुलाया गया था।
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पहले ही दावा किया था कि वह इस परीक्षा में भी जरूर सफल होंगे। सोमवार को ध्वनिमत से उन्होंने इस विश्वास मत को जीत लिया। उधर, येदियुरप्पा के विश्वासमत जीतने के तुरंत बाद स्पीकर के आर रमेश ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
रविवार को, केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जद (एस) के 14 अन्य बागी सांसदों को अयोग्य ठहरा दिया था। हालांकि, विश्वास मत पर अयोग्यता का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
बीजेपी ने अपने सभी 105 विधायकों को आज सुबह 11 बजे विधानसभा की बैठक में भाग लेने के लिए एक व्हिप जारी किया था क्योंकि येदियुरप्पा बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत पेश किया था।
इससे पहले सदन में बहुमत प्रस्ताव पेश करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, 'प्रशासन विफल हो गया है और हम उसे सही करेंगे। मैं सदन को भरोसा दिलाता हूं कि हम बदले की राजनीति नहीं करेंगे।'
किसानों के मुद्दे को उठाते हुए सीएम ने कहा, 'सूखा पड़ा है। मैं किसानों के मुद्दे पर बात करना चाहता हूं। मैंने फैसला किया है कि 2000 रुपये की दो किश्तें पीएम किसान योजना के तहत लाभार्थियों को राज्य की तरफ से दी जाएंगी। मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि मिलकर काम करें। मैं सदन से अपील करता हूं कि एकमत से मेरे लिए भरोसा दिखाएं।'
उधर, येदियुरप्पा के प्रस्वाव के विरोध में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि आप (येदियुरप्पा) सीएम बनें लेकिन उसकी कोई गारंटी नहीं है। आप बागियों के साथ हैं। आप कैसे स्थिर सरकार देंगे? यह असंभव है। मैं इस विश्वास मत का विरोध करता हूं क्योंकि यह सरकार असंवैधानिक और अनैतिक है।' हालांकि इस दौरान सिद्धारमैया ने येदियुरप्पा को शुभकामनाएं भी दीं।
उन्होंने कहा, 'हमने चार दिन पहले एचडी कुमारस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की थी। मैंने भी उसमें हिस्सा लिया था और मैं उस बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं उन स्थितियों के बारे में बात कर सकता था जिनमें येदियुरप्पा सीएम बने हैं। मैं उन्हें शुभकामना देता हूं और उनके भरोसे का स्वागत करता हूं कि वह लोगों के लिए काम करेंगे।'