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कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद जारी सियासी संकट और राजनीतिक उठापटक के बीच राज्य में उच्च शिक्षा मंत्री और जेडीएस के वरिष्ठ नेता जीटी देवगौड़ा ने रविवार को कह दिया कि अगर कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया राज्य के नए मुख्यमंत्री बनते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।

रविवार शाम बंगलूरू के होटल ताज वेस्ट एंड में हुई एक अहम बैठक में जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा, उनके बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर के अलावा कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बीच और कुछ विधायकों द्वारा सिद्धारमैया को सीएम बनाए जाने की शर्त पर पार्टी में वापस लौटने की खबरों के बीच जेडीएस नेताओं ने कहा की उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है।

सीएम कुमास्वामी के अमेरिका से वापस लौटने के बाद हुई इस अहम बैठक से पहले मंत्री जीटी देवेगौड़ा ने कहा कि अगर समन्वय समिति सिद्धारमैया को सीएम बनाती है तो हमें आपत्ति नहीं है। माना जा रहा है कि कांग्रेस-जेडीएस के 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद जारी राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए कुमारस्वामी इस्तीफा दे सकते हैं और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे गठबंधन सरकार में नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

जीटी देवगौड़ा ने पत्रकारों से कहा, 'अगर कांग्रेस-जेडीएस समन्वय समिति सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी।' देवगौड़ा ने यह भी कहा कि अगर कहा गया तो वह पार्टी से भी इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। जेडीएस नेता ने कहा, 'अगर पार्टी निर्णय करती है तो मैं इस्तीफे के लिए तैयार हूं। मैं बीजेपी में नहीं जा रहा हूं। हमारी गठबंधन सरकार राज्य की बेहतरी के लिए बनी है।'

पार्टी के विधायक एच. विश्वनाथ के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने एच. विश्वनाथ से बात की है। उन्होंने मुझसे कहा है कि वह पार्टी में वापस आ जाएंगे।' विश्वनाथ ने कांग्रेस-जेडीएस के 12 विधायकों के साथ शनिवार को अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने दावा किया कि कम से कम 14 विधायकों ने अपने इस्तीफे दिए हैं।

कांग्रेस सूत्रों के हवाले से खबर है कि जेडीएस प्रमुख और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह सुझाव दिया है कि गठबंधन सरकार बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

गौरतलब है कि 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 78, जेडीएस के 37 विधायक हैं जबकि गठबंधन में बीएसपी का एक और 2 निर्दलीय सदस्य भी शामिल हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिली थीं पर वह बहुमत से पीछे रह गई थी।

विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 118 विधायक हैं। अगर त्यागपत्रों को स्वीकार कर लिया जाता है तो सरकार के बहुमत खोने का संकट आ सकता है। बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि पार्टी राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है और पार्टी संन्यासी नहीं है कि वह सरकार बनाने की संभावना से इनकार कर दे।

उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को अच्छा प्रशासन देने दें पर वे ऐसा नहीं कर पाते तो हम 105 विधायकों के साथ मौजूद हैं। बीजेपी न तो राज्यपाल से मिलेगी और न ही दिल्ली जाएगी। गौरतलब है कि सरकार बनाने के लिए कम से कम 113 विधायकों का समर्थन चाहिए और अगर त्यागपत्र स्वीकार हो जाते हैं तो बहुमत का आंकड़ा 106 हो जाएगा लेकिन गठबंधन के विधायकों की संख्या 105 (स्पीकर समेत) रहेगी।

अपने 10 विधायकों के त्यागपत्र देने से सकते में आई कांग्रेस के विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को बैठक बुलाई है जिसमें मौजूदा सियासी चुनौतियों और 12 जुलाई से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के सत्र को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। राजनीति के लिहाज से इस बैठक को अहम माना जा रहा है क्योंकि इस तरह की अपुष्ट खबरें आ रही हैं कि आने वाले कुछ दिनों में कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। उधर, जेडीएस प्रमुख देवगौड़ा के घर पर बैठकों का दौर जारी है। एक नेता ने बताया कि जिन तीन विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं, उन्हें मनाकर त्यागपत्र वापस लेने के लिए समझाने बुझाने के प्रयास किए गए हैं।

कांग्रेस-जेडीएस के विधायक इस्तीफा देने के बाद जिस चार्टर्ड प्लेन से मुंबई गए थे वह भाजपा के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर की कंपनी ज्यूपिटर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड का है। राजीव इस कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन हैं।