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IANS

कर्नाटक के 15 विधानसभा क्षेत्रों में 5 दिसंबर को हुए उपचुनाव के वोटों की गिनती सोमवार सुबह शुरू हो गई. शुरुआती रुझानों में बीजेपी ने बढ़त बना ली है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, खबर लिखे जाने तक कर्नाटक उपचुनाव के रुझान में बीजेपी 12 सीटों पर आगे है. कांग्रेस के खाते में 2 सीटें जाती दिख रही है. एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने बढ़त बनाई हुई है. जेडीएस का खाता खुलता नहीं दिख रहा है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि हमें इन 15 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं के जनादेश से सहमत होना होगा. लोगों ने दलबदलुओं को स्वीकार कर लिया है. हमने हार स्वीकार कर ली है, मुझे नहीं लगता कि हमें निराश होना पड़ेगा.

पांच दिसंबर को हुए चुनाव में 67.91 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. दोपहर तक सभी परिणाम आने की उम्मीद है. कर्नाटक विधानसभा में इस समय बीजेपी के पास 105 विधायक (एक निर्दलीय समेत) हैं, कांग्रेस के 66 और जेडीएस के 34 विधायक हैं. इनके अलावा बसपा का एक सदस्य है, एक मनोनीत विधायक है और अध्यक्ष हैं.

उपचुनाव 15 विधायकों को अयोग्य करार देने से रिक्त सीटों को भरने के लिये कराये गये थे. इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे. इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एच डी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ था.

गोकक, कागवाड, अथानी, येल्लपुरा, हिरेकेरूर, रवबेन्नुर, विजय नगर, चिकबल्लापुरा, केआरपुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लायुत, शिवाजी नगर, होसकोटे, हंसुर और केआर पेटे विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं. दो सीटों मस्की और राजराजेश्वरी पर बाद में चुनाव होंगे.

इस समय कर्नाटक में कुल 207 विधायक हैं. बहुमत के लिए जरूरी 104 से एक अधिक 105 विधायक बीजेपी के पास हैं. अब 15 और विधायकों के चुनाव के बाद सदन की सदस्य संख्या 222 हो जाएगी. ऐसे में बहुमत के लिए बीजेपी को 112 विधायक चाहिए. लिहाजा इस उपचुनाव में सात सीटें जीतने पर बीजेपी की येदियुरप्पा सरकार को बहुमत हासिल हो जाएगा, लेकिन बीजेपी कम से कम आठ सीटें जीतना चाहती है, क्योंकि बाकी बची दो अन्य सीटों पर भी आगे चुनाव होंगे, जिससे बहुमत का आंकड़ा 113 हो जाएगा.

ऐसे में बीजेपी इसी उपचुनाव में पूरे बहुमत की व्यवस्था करना चाहती है. इसके विपरीत यदि इन 15 सीटों के चुनाव में बीजेपी अपेक्षा के मुताबिक सींटें नहीं जीत सकी तो पांसा पलट सकता है और बीजेपी पर सत्ता गंवाने की नौबत भी आ सकती है. कुल मिलाकर इस चुनाव परिणाम पर कर्नाटक की बीजेपी सरकार का भविष्य टिका हुआ है.