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बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद अपने मिग-21 से पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराने वाले भारतीय वायुसेना के जांबाज विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान जब पाकिस्तान की गिरफ्त में थे तो पकडे जाने के चंद घंटों के भीतर ही उन्हें इस्लामाबाद से रावलपिंडी ले जाया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक अभिनन्दन करीब 4 घंटे ही पाकिस्तान सेना के ही कब्जे में थे और इसके उन्होंने बाद करीब 40 घंटे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की गिरफ्त में गुजारे। इस दौरान उनसे पूछताछ करने के अलावा उन्हें न सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से टॉर्चर किया बल्कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च ऐंड ऐनालिसिस विंग) को लेकर कई कमेंट भी किए गए।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन का विमान जब पाकिस्तान में गिरा तो पहले अभिनंदन इस्लामाबाद में पाकिस्तान आर्मी की कस्टडी में थे। लेकिन यहां करीब वह 4 घंटे ही थे और उसके बाद उन्हें आईएसआई के लोग इस्लामाबाद से रावलपिंडी ले गए, जहां आईएसआई की इन्वेस्टिगेशन सेल ने उन्हें करीब 40 घंटे स्ट्रॉन्ग रूम में रखा। वहां उन्हें टॉर्चर किया गया और खुफिया जानकारी निकालने की कोशिश की गई।

इस दौरान लगातार उनकी आंखों में पट्टी बांधकर रखी गई थी और वह कुछ भी नहीं देख पा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, अभिनंदन ने भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को बताया कि उन्हें बस यह समझ आ रहा था कि उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा रहा है और वह जगह देख नहीं पा रहे थे क्योंकि आंखों में पट्टी बांधी गई थी।

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सूत्रों ने बताया कि अभिनंदन के मुताबिक, वह जितने वक्त पाकिस्तान आर्मी की कस्टडी में थे, तब उनके साथ कमोबेश सही तरीके से बर्ताव किया गया, लेकिन आईएसआई ने उनसे जानकारी निकलवाने के लिए उन्हें हर तरीके से टॉर्चर किया। जब अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में गिरे तब उन्हें पकड़ने के लिए राइफल की बट से उनके माथे पर मारा गया और आंख के ऊपर जो कट का निशान है, यह उस वजह से आया। लेकिन दायीं आंख के चारों तरफ जो गहरा काला निशान है और आंख में चोट है वह आईएसआई के टॉर्चर का नतीजा है।

सूत्रों के मुताबिक, अभिनंदन ने यह भी बताया कि उनसे पूछताछ के दौरान यह भी कहा गया कि वह भले ही अपने बारे में कुछ जानकारी नहीं दे रहे हों, लेकिन भारतीय मीडिया के जरिए उन्हें उनके परिवार से लेकर उनके पिता के रिटायर्ड एयर फोर्स ऑफिसर होने और उनके घर के पते तक सारी जानकारी मिल गई है।

भारत वापसी के बाद अभिनंदन का भारतीय वायुसेना के सीनियर अधिकारियों के साथ डीबीफ्रिंग सेशन हुआ। जिसमें एक ही सवाल कई बार पूछे गए, घुमा-फिराकर पूछे गए ताकि कोई भी चूक ना हो और सुरक्षा से किसी भी तरह का कोई समझौता ना हो।

सूत्रों के मुताबिक आईएसआई अभिनंदन को वापस करने को तैयार नहीं थी और जब पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव पड़ा, तब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने हस्तक्षेप किया और अभिनंदन को भारत को वापस सौंपने का फैसला हुआ।

आईएसआई वाले पूछताछ के दौरान और टॉर्चर करते वक्त कई बार अभिनंदन से यह कह रहे थे, 'तुम्हें तुम्हारी रॉ भी नहीं बचा पाएगी।' भारत वापस आने के बाद अभिनंदन का न्यूरो ट्रीटमेंट और आंखों का ट्रीटमेंट हुआ है। अभी उनकी मेडिकल कैटिगरी डाउन कर दी गई है लेकिन जल्द ही इसका रिव्यू किया जाएगा।