तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाने और तुर्की द्वारा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) बैठक में खुलकर पाकिस्तान का साथ देने के बाद, भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित तुर्की यात्रा को रद्द कर दिया है। पीएम मोदी एक बड़े निवेश सम्मेलन में भाग लेने के लिए 27-28 अक्टूबर को सऊदी अरब जा रहे हैं। उन्हें वहां से तुर्की जाना था लेकिन अब वह वहां नहीं जाएंगे।
यह पीएम नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय वार्ता के लिए पहली तुर्की यात्रा होती। 27-28 अक्टूबर को सऊदी अरब में मेगा इन्वेस्टमेंट समिट के बाद उनका तुर्की जाने का कार्यक्रम था।
अंकारा के दौरे को रद्द करने से साफ है कि भारत और तुर्की के बीच संबंध निचले स्तर पर हैं। दोनों देशों के बीच कभी भी बहुत मधुर संबंध नहीं रहे हैं। पीएम मोदी के इस दौरे में दोनों देशों के बीच ट्रेड और डिफेंस पर चर्चा होने का प्रस्ताव था।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस दौरे के रद्द होने की खबरों पर साफ तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, 'यह दौरा फाइनल ही नहीं हुआ था, ऐसे में रद्द होने का कोई सवाल ही नहीं उठता।'
पीएम नरेंद्र मोदी ने 2015 में जी-20 समिट के लिए तुर्की का दौरा किया था। इसके अलावा ओसाका में इस साल जी-20 से इतर पीएम मोदी ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान से मुलाकात की थी। इससे पहले जुलाई, 2018 में एर्दोगान ने भारत का दो दिवसीय दौरा किया था।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर भारत के खिलाफ राय रखने को लेकर मलयेशिया और तुर्की से आयात पर पाबंदी का भी फैसला लिया है।
सरकार और इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है भारत मलयेशिया से पाम ऑइल के इंपोर्ट को सीमित करने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा कई अन्य उत्पादों के इंपोर्ट पर भी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं।
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की इस संबंध में हाल ही में हुई मीटिंग के बारे में जानकारी रखने वाले एक सरकारी और एक इंडस्ट्री से जुड़े सूत्र ने ऐसी प्लानिंग की पुष्टि की है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।