सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरPTI

प्रतिस्पर्धी घरेलू विमानन बाजार में एयर एशिया इंडिया अपने पैर जमाने के लिए जहां एक तरफ संघर्ष कर रही है वहीं कंपनी के संचालन में टाटा समूह का दबदबा बढ़ रहा है और अधिकांश वरिष्ठ पदों पर समूह से जुड़े कार्यकारी काबिज हो गए हैं। यह विमानन कंपनी टाटा समूह और मलेशिया की एयर एशिया समूह का संयुक्त उपक्रम है। इसमें टाटा की बहुलांश हिस्सेदारी है।

कंपनी ने करीब छह साल पहले परिचालन शुरू किया था और नवंबर 2019 में घरेलू बाजार में उसकी 6.8 प्रतिशत हिस्सेदारी हो गई।

एक सूत्र ने कहा, 'एयरएशिया इंडिया के प्रबंधन में अब टाटा संस का दबदबा है। पहले सभी महत्वपूर्ण नियुक्तियों में एयरएशिया समूह की भूमिका अधिक होती थी। अभी प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) समेत कंपनी के अधिकांश शीर्ष पदों पर ऐसे लोग काबिज हैं, जो पहले टाटा समूह से जुड़े रह चुके हैं।'

उसने कहा कि कंपनी के शुरुआती समय में शीर्ष पदों पर नियुक्ति में एयरएशिया समूह की अधिक चलती थी। एयरएशिया समूह ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस मामले में एयरएशिया इंडिया बेहतर प्रतिक्रिया दे सकती है। एयरएशिया इंडिया ने इस बारे में पूछे जाने पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। टाटा संस ने भी इसपर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

सूत्र ने दावा किया कि पूर्व सीईओ मिट्टु चांडिल्य और अमर एब्रोल समेत कई वरिष्ठ कार्यकारी एयरएशिया समूह द्वारा नियुक्त किए गए थे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में एयरएशिया इंडिया के एमडी और सीईओ बने सुनील भास्करण पहले टाटा स्टील में थे। इस साल नवंबर में सीएफओ बने विकास अग्रवाल टाइटन में काम कर चुके हैं।

अग्रवाल से पहले कंपनी के सीएफओ रहे दीपक महिंद्रा टाटा पावर में कार्यरत थे। बुटालिया भी ताज होटल्स पैलेसेज रिसॉर्ट्स सफारी में विभिन्न पदों पर नौ साल काम करने के बाद इस साल जुलाई में एयरएशिया इंडिया में शामिल हुए। एयरएशिया इंडिया के सीईओ के सलाहकार रंगनाथ आर. इस साल जून में कंपनी से जुड़ने से पहले टाटा समूह में छह साल काम कर चुके हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.