पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स) के मुद्दे पर असम के डिब्रुगढ़ जिले के नाहरकटिया पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है. ममता पर प्रदेश की साम्प्रदायिक सद्भवना को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
यह शिकायत जगदीश सिंह, मृदुल कलिता और अमुल्य चेंगलारी नाम के तीन लोगों ने दर्ज करवाई है, ये तीनों बीजेपी युवा मोर्चा के सदस्य बताए जा रहे हैं. शिकायत के मुताबिक ममता बनर्जी असम में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने और एनआरसी की शांतिपूर्ण प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं.
दरअसल कल गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर बंगाल में एनआरसी थोपने की कोशिश की गई तो गृह युद्ध के हालात बन जाएंगे और खून खराबा होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों से मुलाकात की बात भी कही है.
ममता बनर्जी ने कहा, "एनआरसी राजनैतिक उद्देश्यों से किया जा रहा है. हम ऐसा होने नहीं देंगे. वे (बीजेपी) लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं. इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. देश में गृह युद्ध, रक्तपात हो जाएगा."
I asked him to amend NRC Bill or bring new bill. He has assured me they (govt) will not harass people. I also spoke to him about reports of NRC being implemented in Bengal, I told him that if such a thing happens there can be a civil war: WB CM after meeting Rajnath Singh #Delhi pic.twitter.com/ug5ADUXJlK
— ANI (@ANI) July 31, 2018
ममता बनर्जी के इस बयान के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि ममता बनर्जी कहती हैं कि देश में गृह युद्ध हो सकता है. वह स्पष्ट करें कि किस प्रकार का गृह युद्ध होगा. इस मुद्दे पर वह देश की जनता के सामने अपना रुख स्पष्ट करें."
गौरतलब है कि असम में रह रहे असली भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही व्यापक कवायद के तहत अंतिम मसौदा सूची में 40 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली है.