बीते कई महीनों के नाटकीय घटनाक्रम और फजीहतों के बाद देश की प्रीमियर जांच एजेंसी मानी जाने वाली सीबीआई को आखिरकार अपना नया और परमानेंट बॉस मिल गया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सेलेक्ट कमेटी ने 1983 बैच के आईपीएस ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया निदेशक नियुक्त किया है. नई नियुक्ति पर भी विवाद हो गया है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऋषि शुक्ला को कम अनुभवी बताते हुए उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताई है.
The Appointments Committee of the Cabinet has approved the appointment of IPS Rishi Kumar Shukla as the new CBI Director for a period of two years from the date of assumption of charge of the office. https://t.co/o7vVFbkPBb
— ANI (@ANI) February 2, 2019
ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस बारे में अपनी आपत्ति जताई है. खड़गे ने अपने पत्र में लिखा है कि सीबीआई डायरेक्टर बनाए गए ऋषि कुमार शुक्ला के पास भ्रष्टाचार निरोधक जांच का ज्यादा अनुभव नहीं है.
Congress leader Mallikarjun Kharge in a dissent note to the Prime Minister expressed his objection over the appointment of IPS officer Rishi Kumar Shukla as the new CBI Director citing the officer's lack of experience in anti-corruption investigations. (File pic) pic.twitter.com/B8XcEfbSqc
— ANI (@ANI) February 2, 2019
दूसरी तरफ खड़गे की आपत्ति पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उन पर निशाना साधा है. सिंह ने आरोप लगाया कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पसंदीदा अधिकारियों को तवज्जो देने की 'गलत मंशा' से सीबीआई चीफ के चयन के मानदंडों में 'हेरफेर' करने की कोशिश की. उन्होंने आरोप लगाया कि खड़गे चयन समिति में हुई चर्चा के बारे में मीडिया को सिर्फ अपने हिसाब से चीजें बता रहे हैं.
Jitendra Singh, MoS PMO on Mallikarjun Kharge's dissent note to PM over appointment of new CBI Director: It's rather Mr. Kharge who is guilty of trying to have manipulated independent assessment based criteria, in order to accommodate names of his preference. https://t.co/6g6cPSg1Nl
— ANI (@ANI) February 2, 2019
गौरतलब है कि सीबीआई में लंबे समय से घमासान चल रहा था. पूर्व सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और डिप्टी डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच विवाद के बाद से ये पद खाली था.
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला को दो साल के तय कार्यकाल के लिये शनिवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया है.
मध्य प्रदेश काडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला फिलहाल भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस आवास निगम के अध्यक्ष हैं. वह आलोक वर्मा का स्थान लेंगे, जिन्हें 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था. शुक्ला का हाल में मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक पद से पुलिस आवास निगम में तबादला हुआ था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की 24 जनवरी और एक फरवरी को हुई दो बैठकों के बाद उनकी नियुक्ति हुई है. शुक्रवार को चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान शुक्ला का नाम छांटा गया था. इस घटनाक्रम को अहम माना जा रहा है क्योंकि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर 'अनिच्छुक' है और केन्द्र को 'तत्काल' केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए.
शुक्रवार की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई. यह बैठक एक घंटा से अधिक समय तक चली. सीजेआई रंजन गोगोई और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल हुए.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि खड़गे ने सीबीआई चीफ के चयन में हेरफेर की कोशिश की. खड़गे चाहते थे कि उम्मीदवारों की सूची में उनके पसंदीदा अफसरों को भी शामिल किया जाए. कार्मिक मंत्रालय ने आज ही आदेश जारी कर एमपी के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई चीफ बनाया है. उनका कार्यकाल दो साल का होगा. 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला को आलोक कुमार वर्मा की जगह सीबीआई चीफ के पद पर नियुक्त किया गया है. आलोक वर्मा को 10 जनवरी को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाया गया था.
जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीजेआई रंजन गोगोई ने सीबीआई चीफ के चयन में पूरे नियम कायदों का पालन किया है. गौरतलब है कि सीबीआई चीफ का चयन करने वाली समिति में पीएम मोदी के अलावा सीजेआई गोगोई और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे.
ऋषि कुमार शुक्ला मध्यप्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले हैं. उनकी पहली पोस्टिंग सीएसपी रायपुर में हुई. इसके बाद वे दमोह, शिवपुरी और मंदसौर जिले के एसपी, 2009 से 2012 तक एडीजी इंटेलिजेंस भी रह चुके हैं. इसके बाद जुलाई 2016 से जनवरी 2019 तक मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक के पद पर थे. लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद उन्हें एमपी पुलिस हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया था.
ऋषि कुमार शुक्ला नियुक्ति दो सालों के लिए की गई है. आईपीएस शुक्ला ने 1983 और 1984 बैच के 80 आईपीएस अफसरों के बीच बाजी मारकर देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी के मुखिया पद की कुर्सी संभाली है. आपको बता दें कि आईपीएस ऋषि शुक्ला को अभी पांच दिन पहले ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने डीजीपी पद से हटाकर हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बना दिया था.
ऋषि कुमार शुक्ला के बारे में एक खास बात ये भी है कि वो शौकिया ज्योतिष भी हैं और उनके ससुर डीपी खन्ना भी मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं. ऋषि कुमार अगस्त 2020 में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन अब वो फरवरी 2021 तक सीबीआई के मुखिया रहेंगे.