गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा उत्तर पूर्व दिल्ली के दंगाग्रस्त चांद बाग इलाके में बुधवार को एक नाले में मृत मिले। इस इलाके में वह रहते थे। अधिकारियों ने बताया कि 26 वर्षीय अंकित शर्मा मंगलवार से लापता थे और आशंका है कि उनकी जान पथराव में गयी। शर्मा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए गुरू तेगबहादुर अस्पताल ले जाया गया है।
आईबी में ही कार्यरत अंकित के पिता देवेंद्र ने कहा कि वह मंगलवार को शाम करीब साढ़े पांच बजे घर लौटा था और कुछ ही देर बाद बाहर हालात का जायजा लेने के लिए निकल गया। हालांकि वह कई घंटे तक नहीं लौटे।
उन्होंने बताया, ''जब वह नहीं लौटा तो हमने उसकी तलाश शुरू की। हम जीटीबी और एलएनजेपी (लोकनायक जयप्रकाश) अस्पताल भी यह पता लगाने गये कि कहीं वह वहां भर्ती तो नहीं है, लेकिन उसका पता नहीं चला।''
देवेंद्र ने कहा, ''हम बुधवार तड़के तीन बजे तक उसे तलाशते रहे। बाद में सुबह करीब 10 बजे हमें सूचना मिली कि उसका शव चांद बाग नाले में पड़ा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि उसकी जान ले ली जाएगी।''
अंकित की मां सुधा का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि कभी नहीं सोचा था कि प्रकृति इतना क्रूर खेल खेलेगी। वह बार-बार यही कह रही थीं, ''मैं उसके बिना नहीं रह सकती।'' रिश्तेदार और मिलने वाले उन्हें बार-बार दिलासा दे रहे थे।
अंकित के भाई अंकुर ने बताया कि उनकी कॉलोनी की कुछ महिलाओं ने सुबह उन्हें बताया कि उन्होंने लोगों को उनके भाई को नाले में फेंकते हुए देखा था।
अंकुर ने दावा किया, ''जब लोगों ने महिलाओं को देख लिया तो उन्होंने धमकी दी कि अगर इस बारे में किसी को कुछ बताया तो नतीजा गंभीर होगा। उसे नाले में फेंके जाने से पहले कई बार चाकू मारा गया।''
मंगलवार शाम को चांद बाग और अन्य इलाकों में भीड़ ने पथराव किया और कई दुकानों, मकानों को आग के हवाले कर दिया। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सांप्रदायिक हिंसा में मारे गये 22 लोगों में शामिल शर्मा के परिवार में उनके माता-पिता, एक भाई और एक बहन हैं। शर्मा 2017 में आईबी में भर्ती हुए थे।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.