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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के हमले में किसी भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने साथ में ईरानी नेतृत्व को शांति की पेशकश की जिसे पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस ग्रैंड फोयर से राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, 'ईरान के हमले में हमें कोई नुकसान नहीं हुआ। किसी भी अमेरिकी सैनिक की मौत नहीं हुई है। मैं अमेरिकी सेना की हिम्मत को सलाम करता हूं। ईरान विश्व में बड़े स्तर पर आतंकवादियों को समर्थन देता है। हमने कुछ दिन पहले ही एक ऐसे आतंकवादी को मार गिराया है जो अमेरिका और उसके नागरिकों को धमकियां दे रहा था। सुलेमानी कई आतंकी संगठनों को अपना समर्थन देता था। उसकी वजह से हजारों की संख्या में यूरोपीय सेना के जवानों की मौत हुई। सुलेमानी हाल के दिनों में भी अमेरिकी सैनिकों पर हमले की योजना बना रहा था, हमने उसे रोका है। हमने सुलेमानी को मारकर यह संदेश दिया है कि अमेरिका अपने नागरिकों और सैनिकों की रखवाली के लिए किसी भी हद तक जाएगा।'

ट्रंप ने कहा, 'समय आ गया है कि अमेरिका, जर्मनी, चीन, रूस औऱ ब्रिटेन इस बात को समझें कि ईरान किस तरह से परमाणु बम बनाकर आतंकवादियों की मदद कर सकता है। हम ईरान पर आगे भी पाबंदी लगाए रखने वाले हैं।'

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा, 'हम विश्व में तेल और गैस के सबसे बड़े उत्‍पादक हैं। हम तेल के लिए ईरान या उसके आसपास के देशों पर निर्भर नहीं हैं। हम पहले की तुलना में मध्य पूर्व में मजबूत हुए हैं।'

'तीन महीने पहले आईएसआईएस के लीडर बगदादी का खात्मा किया था। वह आईएसआईएस को दोबारा खड़ा करने की कोशिश में था, लेकिन हमने उसे रोका। आईएसआईएस ईरान का सबसे बड़ा दुश्मन था लेकिन हमने उसे खत्म किया। आईएसआईएस का खात्मा ईरान के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा।'

ट्रंप की यह टिप्पणी ईरान द्वारा इराक में कम से कम उन दो अड्डों पर एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टक मिसाइलें दागने के कुछ घंटे बाद आई है जहां अमेरिकी और गठबंधन बलों के सैनिक तैनात थे। इस हमले को ईरान ने ''अमेरिका के चेहरे पर तमाचा'' बताया है।

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ईरान के सरकारी टीवी के मुताबिक, यह हमला ईरान की शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत का बदला लेने के लिए किया गया था। इस हमले को ट्रंप के आदेश पर अंजाम दिया गया था। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने दावा किया कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमले में ''कम से कम 80 आतंकवादी अमेरिकी सैनिक'' मारे गए।

आईएस आतंकी समूह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के तहत इराक में करीब पांच हज़ार अमेरिकी सैनिक हैं। ट्रंप ने यह भी संकल्प जताया कि वह ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''जब तक मैं अमेरिका का राष्ट्रपति हूं, मैं ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दूंगा।''

ईरानी नेताओं और लोगों को सीधा संदेश देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उन सभी के साथ शांति के लिए तैयार है, जो शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा, '' ईरान के नेताओं और लोगों के लिए, हम चाहते हैं कि आपका शानदार भविष्य हो जिसके आपके हकदार हैं।''

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.