कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के करीबी माने जाने वाले एनआरआइ बिजनेसमैन सीसी थम्पी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार कर लेने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में वाड्रा की परेशानी बढ़ सकती है। जांच एजेंसी ने समाचार एजेंसी आइएएनएस को सोमवार को बताया कि थम्पी को शुक्रवार शाम को नई दिल्ली से वाड्रा की विदेशी संपत्ति की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।
थंपी की गिरफ्तारी से वाड्रा के खिलाफ केस में महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है जिनसे ईडी ने दुबई, लंदन और कुछ अन्य देशों में कथित तौर पर उनकी बेनामी संपत्तियों के बारे में पिछले दो वर्षों में 13 बार पूछताछ की है।
गिरफ्तारी के बाद थम्पी को सोमवार को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पूछताछ के लिए मंगलवार तक रिमांड पर लाया गया है। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को थंपी को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसे दोबारा रिमांड पर लाए जाने की उम्मीद है।
कहा जाता है कि दुबई की कंपनी स्काई लाइट थंपी के 'नियंत्रण' में है। भंडारी की कंपनी सैनटेक एफजेडई ने 2009 में एक निजी कंपनी से लंदन में संपत्ति खरीदी थी। यह संपत्ति स्काईलाइट की थी। आरोप है कि वाड्रा ने लंदन की इस संपत्ति को खरीदा था और इस फ्लैट की मरम्मत के संबंध में उनके और भंडारी के बीच हुए कुछ कथित ईमेल इस मामले के सबूतों में शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक सीसी थंपी दुबई में रहता है. जहां उसकी अनेकों कंपनियां बताई जाती हैं। उसके खिलाफ ईडी ने पहले फेमा के तहत मामला दर्ज किया था। उसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उस पर दिल्ली एनसीआर में करोड़ों रुपए की जमीन खरीदने का आरोप है।
इसके साथ ही उस पर आरोप है कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर उसने हरियाणा में भी जमीन खरीदी और जमीन फिर किसी दूसरे शख्स को दे दी। थंपी का नाम लंदन में रॉबर्ट वाड्रा के कथित फ्लैट को लेकर भी सामने आया था। थंपी पर आरोप लगा था कि लंदन के फ्लैट का पैसा थंपी से जुड़ी कंपनियों से दिया गया था।
ईडी के एक अधिकारी ने खुलासा किया कि एजेंसी ने वाड्रा से जुड़े लोगों द्वारा इन संपत्तियों की खरीद के लिए अन्य विदेशी देशों से किए जा रहे कुछ कथित अज्ञात लेनदेन का पता लगाया है। ईडी को इसमें थम्पी के लिंक के बार में पता लगा। जांच एजेंसी को संदेह है कि 2009 में एक पेट्रोलियम सौदे में थम्पी का हाथ था। थम्पी से पिछले साल अप्रैल में एजेंसी ने पूछताछ की थी।
जांच एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, थम्पी की गिरफ्तारी वाड्रा और एनआरआइ व्यवसायी के विरोधाभासी बयान के कारण हुई। ईडी के अधिकारी ने कहा कि वाड्रा ने पिछले साल 6 फरवरी को पूछताछ के दौरान ईडी को बताया कि वह एक एमिरेट्स की फ्लाइट में थम्पी से मिले थे। वहीं ईडी को दिए अपने बयान में थम्पी ने कहा कि वाड्रा से उनकी मुलाकात सोनिया गांधी के निजी सहायक माधवन से हुई।
अधिकारी ने दोनों के बयान में एक और विरोधाभास बताया। लंदन में 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर (बीएसक्यू) संपत्ति को लेकर 7 फरवरी को पूछताछ के दौरान वाड्रा ने जवाब दिया कि वह कभी वहां नहीं रहे। जबकि थम्पी ने 6 अप्रैल को अपने बयान में कहा कि वाड्रा लंदन में 12 बीएसक्यू में रहे।
इससे पहले ईडी संपत्ति संख्या 12 के अलावा, एलर्टन हाउस, ब्रायनस्टन स्क्वायर, लंदन के अलावा पांच अन्य संपत्तियों की पहचान की है। इनमें 26 वेलिंगटन रोड सेंट जॉन्स वुड लंदन, 25 साराटोगा रोड क्लैप्टन लंदन, 42 अपर ब्रुक स्ट्रीट लंदन, एडगवेयर रोड लंदन और फ्लैट नंबर 6, ग्रॉसवेनर हिल रोड, बोरडॉन स्ट्रीट, लंदन की संपत्ति शामिल हैं। पिछले साल, ईडी ने अपने यूके की जांच एजेंसी से यूके में आधा दर्जन से अधिक संपत्तियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन का विवरण साझा करने के लिए कहा था।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आइएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.