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सांकेतिक तस्वीरReuters

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में भारत की स्थिति पहले से और बेहतर हुई है और भारत में व्यापर करना अब और भी आसान हो गया है. यही वजह है कि वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की लिस्ट में उसने 14 पायदान की छलांग लगाई है. पहले 190 देशों की लिस्ट में भारत की रैंकिंग 77 थी, जो अब और सुधर गई है और अब भारत 63वें नंबर पर है. भारत को तीसरी बार सबसे बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले टॉप 10 देशों में शामिल किया है.

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 मुल्कों की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार हुआ है. इनमें भारत के अलावा सऊदी अरब, जॉर्डन, टोगो, बहरीन, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान, कुवैत, चीन, और नाइजीरिया शामिल हैं.

वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग उस समय आई है जब आरबीआई, वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जैसे संस्थान भारत की अर्थव्यवस्था में मंदी की बात कर रही हैं. 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे उस समय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में भारत 190 देशों की सूची में 140वें पायदान पर था. 2018 तक भारत 100वें पायदान पर आ गया था. पिछले साल भारत 23 पायदान की छलांग के साथ 77वें स्थान पर था.

सरकार के सतत प्रयासों का ही नतीजा है कि पिछले 5 वर्षों(2014-19) के दौरान भारत की रैंकिंग में 79 पायदानों का सुधार हुआ है. भारत 10 संकेतकों में से 7 में में सुधार लाया है और इंटरनैशनल बेस्ट प्रैक्टिसेस के करीब पहुंचा है.

रिपोर्ट में किसी कारोबार को शुरू करना, कंस्ट्रक्शन परमिट, क्रेडिट मिलना, छोटे निवेशकों की सुरक्षा, टैक्स देना, विदेशों में ट्रेड, कॉन्ट्रैक्ट लागू करना, कंस्ट्रक्शन परमिट से निपटना, बिजली प्राप्त करना, संपत्ति का पंजीकरण करना, अल्पसंख्यक निवेशकों की रक्षा करना और दिवालिया शोधन प्रक्रिया को आधार बनाया जाता है.

बता दें कि कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक बड़ा बयान दिया था. IMF ने कहा था कि भारतीय ने अपनी अर्थव्यस्था के लिए बुनियादी बातों पर तो काम किया है लेकिन समस्या का समाधान करना भी जरूरी है. IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जियोर्जिवा वॉशिंगटन डीसी में कहा था कि भारत ने बुनियादी चीजों पर बेहतर काम किया है लेकिन अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं हैं जिसका हल करना जरूरी है. खास तौर पर नॉन-बैंकिंग क्षेत्र में हालात बेहतर करने की जरूरत है.

आपको बता दें कि वर्ल्ड बैंक हर साल आसान कारोबार वाले देशों की सूची जारी करता है. इसमें कुल 190 देश होते हैं. मोदी सरकार का सपना इस सूची में भारत को टॉप 50 में लाने का है. इस बार रैंकिंग में भारत का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होगा.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.