सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट (सीएसई) ने 2018 के लिए लागत और कमाई पर यूबीएस रिपोर्ट के आधार पर किए गए अध्ययन में यह दावा किया है कि दिल्ली मेट्रो दुनिया की सभी मेट्रो सेवाओं में दूसरी सबसे ज्यादा महंगी मेट्रो सेवा है. सीएसई ने कहा है कि दिल्ली मेट्रो एक ट्रिप के लिए आधे डॉलर से थोड़ा कम चार्ज करता है.
इसके अलावा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ने से इस वर्ष अब तक करीब 4.2 लाख यात्रियों की कमी आई है. इससे न सिर्फ सड़कों पर वाहनों का बोझ बढ़ा है, बल्कि प्रदूषण भी बढ़ा है.
इस रिपोर्ट के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर मेट्रो किराए में बढ़ोतरी पर सवाल उठाए हैं. केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा, 'दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मुझे बहुत दुख हो रहा है कि परिवहन के इतने महत्वपूर्ण साध को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया गया है. जिन्होंने ने भी मेट्रो से सफर करना छोड़ दिया है, वे अब सड़क परिवहन का इस्तेमाल कर दिल्ली के प्रदूषण में इजाफा कर रहे हैं.'
As CM of Delhi, I feel v sad that such an important means of transport has become out of reach of common man. All those who have given up metro are now contributing to Delhi’s pollution by using road based tpt pic.twitter.com/1PVim6kCJV
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 5, 2018
रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल किराए में इजाफे के बाद दिल्ली में यात्री अपनी कमाई का औसतन 14 प्रतिशत मेट्रो से सफर में खर्च करते हैं. इससे ज्यादा सिर्फ हनोई में मेट्रो यात्री खर्च करते हैं, जहां यात्रियों की कमाई का औसतन 25 प्रतिशत सिर्फ मेट्रो से सफर पर खर्च हो जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में रोजाना मेट्रो से सफर करने वाले 30 प्रतिशत यात्री तो अपनी कमाई का 19.5 प्रतिशत तक सिर्फ मेट्रो किराए के तौर पर खर्च करते हैं.