सोना पहनने के कारण चर्चा में रहने वाले जूना अखाड़े के महंत गोल्डन बाबा एक बार फिर कांवड़ लेकर हरिद्वार से रवाना हुए हैं. इस बार गोल्डन बाबा अपने शरीर पर करीब 20 किलो सोना पहनकर इस पवित्र यात्रा पर रवाना हुए हैं. उनका कहना है कि यात्रा पर करीब सवा करोड़ का खर्च आता है. गोल्डन बाबा इस बार कांवड़ यात्रा की सिल्वर जुबली मना रहे हैं. गोल्डन बाबा गोल्डन पुरी महाराज के नाम से भी प्रसिद्ध हैं.
इतना ही नहीं 25 पुलिसकर्मियों का घेरा बाबा की सुरक्षा में तैनात रहता है. बाबा का असली नाम सुधीर कुमार माकड़ है. हर साल हरिद्वार से कांवड़ लेकर आनेवाले गोल्डन बाबा को सोने की जूलरी का काफी शौक है. वह अपने शरीर पर करीब 12.50 किलो की जूलरी पहन कर चलते हैं, जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपए के करीब बताई जाती है.
उनकी जूलरी में सोने के और कीमती पत्थरों से जड़े आभूषण हैं, हाथों में कीमती अंगूठियां हैं. इसके अलावा वे हीरों से जड़ी हुई एक खास घड़ी पहनते हैं, जिसकी कीमत 27 लाख रुपये के करीब है.
गोल्डन बाबा कहते हैं कि, 'मैं जहां जाता हूं लोग वहां मुझे देखने के लिए जुट जाते हैं. ऐसे में पुलिस सुरक्षा मुहैया कराती है'. सोने से ऊपर से नीचे तक लदे गोल्डन बाबा का सोना पहनना पुराना शौक है. पहले जब सोना सस्ता था तो तब कम पहनते थे, लेकिन महंगा होने के साथ ही उनके शरीर पर सोने के जेवरों की संख्या भी बढ़ गई है.
गोल्डन बाबा इसे भोले की कृपा बताते हैं. आपको बता दें कि गोल्डन बाबा ने इस बार अपने लिए चार किलो सोना और खरीदा है. अब गोल्डन बाबा के पास करीब 20 किलो सोना है. जिसे पहनकर वह कांवड़ यात्रा पर निकले हैं.
Haridwar: Golden Baba, known for participating in Kanwar Yatra wearing gold jewellery, is undertaking his 25th Kanwar Yatra this year while wearing about 20 kg of gold jewellery. #Uttarakand (31.07.2018) pic.twitter.com/59Xl3ZZDqI
— ANI (@ANI) July 31, 2018
बाबा बनने से पहले ये दिल्ली के व्यापारी थे जहां उन्हें बिट्टू लाइटबाज़ के नाम से जाना जाता था. गोल्डन बाबा के उपर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं और वह दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर रह चुके हैं. कहा जाता है कि बाबा अपने आपराधिक इतिहास से बचने के लिए ही सन्यासी बने हैं. बाबा के पैसों को लेकर भी अक्सर सवाल उठता रहा है.