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सात चरणों में संपन्न हुए लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और भारत के मतदाताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए पर जबर्दस्त भरोसा दिखाया है। हालांकि, इस बार जनता ने जिन प्रतिनिधियों को चुनकर भेजा है, उनमें करोड़पति सांसदों से लेकर आपराधिक केस वाले सासंदों की संख्या में पहले की तुलना में इजाफा हुआ है। असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म संस्था द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार लोकसभा चुनाव में जीतनेवाले सांसदों में से 475 सांसद करोड़पति हैं। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के बेटे छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए हैं और वह इस लोकसभा के सबसे अमीर सांसद हैं।

एडीआर ने इस साल चुने गए सभी 539 सांसदों के ऐफिडेविट की समीक्षा के बाद यह लिस्ट जारी की है। 17वीं लोकसभा में बीजेपी के 303 सांसद हैं और कांग्रेस के 52। एडीआर ने बताया कि 542 सांसदों में से 2 बीजेपी के और एक कांग्रेस सांसद की ऐफिडेविट की जानकारी नहीं मिल सकी।

बीजेपी के 301 सांसदों में से 265 (88 प्रतिशत) करोड़पति हैं। वहीं एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना के सभी 18 सांसदों की संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है। कांग्रेस के जिन 51 सांसदों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 43 (96 फीसदी) सांसद करोड़पति पाए गए। इसी तरह डीएमके के 23 में से 22 (96 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 22 में से 20 (91 प्रतिशत) और वाइएसआर कांग्रेस के 22 में से 19 (86 प्रतिशत) सांसद करोड़पति हैं। एडीआर के मुताबिक शीर्ष तीन करोड़पति सांसद कांग्रेस के हैं। इनमें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से चुनाव जीते नकुलनाथ पहले पायदान पर हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति 660 करोड़ रुपये घोषित की है।

एक करोड़ से अधिक की संपत्तिवाले सांसदों की संख्या इस बार 475 रही है। सबसे अधिक संपत्ति के मालिक कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ, वसंतकुमार एच (कांग्रेस), डी. के. सुरेश (कांग्रेस) हैं। आईटीआर के लिहाज से सबसे पैसेवाले सांसद जयदेव गल्ला (टीडीपी), गद्दाम रंजीत रेड्डी (टीआरएस), वसंतकुमार एच (कांग्रेस) हैं।

आम चुनाव के बाद 17वीं लोकसभा में मुस्लिम प्रतिनिधियों की संख्या 22 से बढ़कर 26 हो गई है। लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 542 के लिए चुनाव हुए थे। पिछली बार यानी 16वीं लोकसभा में मुस्लिम प्रतिनिधि महज 22 थे। यह आंकड़ा लोकसभा के इतिहास में सबसे कम था। अगर 15वीं लोकसभा की बात की जाए तो मुस्लिम प्रतिनिधि 33 थे।

लोकसभा में मुस्लिमों को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व 1980 में मिला था। उस बार 49 मुस्लिम उम्मीदवार विजेता बन लोकसभा पहुंचे थे। सत्तापक्ष की तरफ से महबूब अली कैसर संसद पहुंचे हैं। कैसर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की घटक लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के उम्मीदवार के रूप में बिहार के खगड़िया से जीते हैं।

17वीं लोकसभा के विजयी उम्मीदवारों में महिलाओं की कुल संख्या 78 है। महिला सांसदों की अब तक की इस सर्वाधिक भागीदारी के साथ ही नई लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या कुल सदस्य संख्या का 17 प्रतिशत हो जाएगी। महिला सांसदों की सबसे कम संख्या 9वीं लोकसभा में 28 थी। सर्वाधिक 40 महिला उम्मीदवार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती हैं। कांग्रेस के टिकट पर सिर्फ पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने महिला उम्मीदवार के रूप में रायबरेली से जीत दर्ज की है।