लोकसभा चुनाव भले ही समाप्त हो गए हैं लेकिन इन चुनावों को देश के इतिहास में प्रचार के दौरान अपने राजनीतिक विरोधियों को सबसे ज्यादा गाली-गलौच देने और अपशब्द कहने के लिए याद किया जाएगा। एक-दूसरे पर निजी हमलों और जुमलेबाजियों का इस्तेमाल करने के अलावा नेताओं ने भारतीय और भाषाई मर्यादा की सारी हदें लांघ दी और ऐसा किसी एक पार्टी या एक नेता तक सीमित नहीं रहा बल्कि सभी दलों के बड़े नेता एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने में शामिल रहे।
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और कभी उनकी पार्टी में रही जया प्रदा के बीच वाकयुद्ध ने शब्दों की सारी गरिमा खत्म कर दी। जया प्रदा हाल ही में भाजपा में शामिल हुयी थीं और उन्होंने खान के खिलाफ चुनाव लड़ा। खान ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं उन्हें (जया प्रदा) रामपुर लाया। उनका असली चेहरा पहचानने में 17 साल लगे लेकिन मैं उन्हें 17 दिनों में पहचान गया कि वह खाकी अंडरवियर पहनती है।''
इस बयान के लिए खान पर निर्वाचन अयोग ने चुनाव प्रचार से 72 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया था। यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। एक जनसभा में खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने जयाप्रदा पर ''अनारकली'' टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ''अली भी हमारे, बजरंग बली भी हमारे लेकिन अनारकली नहीं चाहिए।'' अनारकली मुगल बादशाह अकबर के दरबार की एक नृत्यांगना थी जिसका उनके बेटे जहांगीर से प्रेम संबंध था। जया प्रदा ने भी खान की ''एक्स-रे आंखों'' के बारे में टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया था।
'चौकीदार' शब्द उस समय अचानक सुर्खियों में आया जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए अपने प्रचार अभियान के केंद्र में 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया। भाजपा ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए 'मैं भी चौकीदार' अभियान चलाया। कुछ आरोप-प्रत्यारोप हास्य से भरपूर रहे लेकिन ज्यादातर कटु रहे।
रविवार को खत्म हुए सात चरणों के चुनाव में शब्दों का स्तर बेहद गिर गया । मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी और भाजपा की भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुंबई हमले के शहीद हेमंत करकरे पर टिप्पणी की और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताते हुए विवाद का एक नया दौर शुरू कर दिया। ठाकुर ने आरोप लगाया कि करकरे ने उन्हें विस्फोट मामले में गलत तरीके से फंसाया था।
ठाकुर ने कहा, ''वह कर्म के कारण मरा। मैंने उससे कहा था कि वह बर्बाद हो जाएगा। मैंने उससे कहा था कि उसका पूरा वंश खत्म हो जाएगा।'' अपनी खुद की पार्टी समेत विभिन्न पार्टियों से तीखी आलोचना के चलते उन्हें माफी मांगनी पड़ी। गोडसे पर ठाकुर की टिप्पणी पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ठाकुर को माफ नहीं कर पाएंगे।
वहीं, मोदी ने दिवंगत राजीव गांधी पर टिप्पणी करके एक विवाद खड़ा कर दिया। उत्तर प्रदेश में एक रैली में मोदी ने राहुल गांधी पर हमला किया और कहा, ''आपके पिता को उनके दरबारी मिस्टर क्लीन कहते थे लेकिन अपने जीवन के अंत में वह भ्रष्टाचारी नंबर 1 बन गए।'' इस टिप्पणी के साथ ही कई लोगों ने बॉलीवुड फिल्मों ''कुली नंबर 1'', ''हीरो नंबर 1'', ''आंटी नंबर 1'' को याद किया।
मोदी पर खुद कई लोगों ने हमले किए। मायावती ने आरोप लगाया कि उन्होंने ''राजनीतिक लाभ के लिए अपनी पत्नी को छोड़ दिया'', इसलिए भाजपा में महिलाएं डरी हुई है कि प्रधानमंत्री से मिलने वाले उनके पति भी अपनी पत्नियों को छोड़ सकते हैं।
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ''नीच'' टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था। कांग्रेस के ही संजय निरुपम ने मोदी को कोरिडोर के नाम पर वाराणसी में मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए ''आधुनिक युग का औरंगजेब'' बताया था।
कई कटु बयानों में साम्प्रदायिक टिप्पणियां भी रही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिग लीग को ''ग्रीन वायरस'' बताया था और कहा था कि हिंदू और मुसलमान मतदाता ''अली-बजरंग बली'' मुकाबले में है।
गत सप्ताह केंद्रीय मंत्री अनंतकुमार हेगड़े ने राहुल गांधी को उनके ट्वीट कि 'मोदीलाइज' अंग्रेजी शब्दकोश में नया शब्द है, के लिए राहुल गांधी को मूर्ख बताया था।
विवाद खड़ा करने वाले एक और मामले में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आजम खान को 'मोगेम्बो' कहा जिसके बाद उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई। मोगेम्बो बॉलीवुड ब्लॉकबास्टर ''मिस्टर इंडिया'' का एक मशहूर विलेन था।