बिहार की सीतामढ़ी मंडल कारागार की एक महिला बंदी ने दो लोगों पर इलाज के दौरान अस्पताल के शौचालय में बलात्कार करने का आरोप लगाया है. महिला बंदी को इलाज के लिए सीतामढ़ी से एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर लाया गया था. मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.
पीड़िता ने घटना के लिए दो लोगों के अलावा अस्पताल ले जाने वाले पुलिसकर्मियों को भी दोषी बताया है. उधर, जिलाधिकारी डॉ रणजीत कुमार सिंह ने भी इस मामले की जांच का निर्देश दिया है.
Bihar: A prisoner of Sitamarhi jail was allegedly raped by two persons on the night of November 14 in the washroom at Sri Krishna Medical College and Hospital (SKMCH) in Muzaffarpur, where she was taken for treatment on November 11. Case registered, investigation underway pic.twitter.com/yZ46gzKLPs
— ANI (@ANI) November 30, 2018
सीतामढ़ी जिले के नानपुर थाना के एक अपराध में आरोपित महिला बंदी ने जेल प्रशासन को लिखित व मौखिक रूप से घटना की जानकारी दी है. उसके मुताबिक, घटना 14 नवंबर की रात्रि की है. नौ नवंबर को महिला बंदी को कारा चिकित्सक की सलाह पर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया था. उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. तब सदर अस्पताल के तीन सदस्यीय चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर 11 नवंबर को एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर भेजा गया. महिला बंदी के साथ महिला पुलिस भी थी.
वहां 11 दिनों तक उसका इलाज चला. पीड़िता का आरोप है कि इलाज के दौरान 14 नवंबर की रात्रि में महिला पुलिस के साथ महिला बंदी शौचालय गयी, जहां शैलेश कुमार व छोटेलाल कुमार नामक दो लोगों ने उसे नशीला पदार्थ सुंघा कर उसके साथ दुराचार किया. 22 नवंबर को लौटने के बाद महिला बंदी ने घटना की लिखित जानकारी जेल अधीक्षक को दी.
जेल अधीक्षक ने पीड़िता की लिखित शिकायत को 22 नवंबर को डुमरा थाना पुलिस को प्राथमिकी के लिए भेजा था. डुमरा थानाध्यक्ष ने घटनास्थल एसकेएमसीएच होने के कारण आवेदन को 23 नवंबर को अहियापुर थाना भेज दिया. पत्र के साथ पीड़िता का आवेदन भी संलग्न था. अहियापुर के थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है.
पीड़िता ने सबसे पहले मंडल कारागार के अधीक्षक से मामले की शिकायत की. कारागार अधीक्षक ने इसे डुमरा थाना को प्राथमिकी के लिए भेजा, लेकिन इस थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बजाये पत्र को मुजफ्फरपुर के अहियापुर भेज दिया गया.