इराक के सैन्य अड्डे पर बुधवार को रॉकेट हमला हुआ जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक ब्रिटिश सैनिक की मौत हो गई। इस अड्डे पर विदेशी सैनिक ठहरे हुए थे। बीते कुछ वर्षों में सैन्य अड्डे पर हुआ यह सबसे बड़ा हमला है। युद्ध पर निगरानी रखने वाली एक संस्था ने कहा कि इससे लड़ाई और बढ़ने का खतरा है।
पड़ोसी सीरिया में ईरान समर्थित इराकी लड़ाकों को निशाना बनाकर कुछ हवाई हमले किए गए हैं जिनके बारे में संदेह है कि इनके पीछे अमेरिका नीत गठबंधन बलों का हाथ है। बताया जा रहा है कि कम से कम 18 लड़ाके मारे गए हैं।
बुधवार शाम को बगदाद के उत्तर में स्थित ताजी हवाईअड्डे पर कई रॉकेटों से हमला किया गया। यहां अमेरिकी नीत गठबंधन बलों के सैनिक ठहरे हैं जो जिहादियों से लड़ाई में स्थानीय बलों की मदद करते हैं।
गठबंधन बलों की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इसके तीन सैनिकों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। हालांकि इसमें यह नहीं बताया गया है कि मारे गए सैनिक किन देशों के हैं। हालांकि एक अमेरिकी अधिकारी ने एएफपी को बताया कि मारे गए सैनिकों में दो अमेरिकी और एक ब्रिटेन का सैनिक है।
इराक की सेना ने कहा कि रॉकेट एक ट्रक से दागे गए। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने टेलीफोन पर बातचीत में हमले की निंदा की। अमेरिकी विदेश विभाग ने एक वक्तव्य में कहा कि दोनों नेताओं ने ''इस बात को रेखांकित किया कि हमलों के पीछे जिसका भी हाथ होगा उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा।''
अब तक हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है, लेकिन वाशिंगटन ने ईरान से समर्थन प्राप्त इराक के हाशेद अल शाबी के धड़ों को जिम्मेदार ठहराया है।
पिछले वर्ष अक्टूबर से इराक में अमेरिकी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किया गया यह 22वां हमला है। सीरियाई ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि इस हमले के कुछ ही घंटों के भीतर तीन युद्धक विमान जो संभवत: अमेरिकी नीत गठबंधन से थे, उनके द्वारा इराक की सीमा से सटे सीरिया के क्षेत्र में हाशेद बल पर बम बरसाए गए। इसमें कम से कम 18 इराकी लड़ाके मारे गए।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएफपी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.