वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणReuters

केंद्र की एनडीए सरकार कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के कदमों के रूप में इनकम टैक्स एक्ट (आयकर अधिनियम) और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (धन शोधन निवारण अधिनियम) को गैर-आपराधिक बनाएगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कुछ कदम उठाने की योजना बनाई है। यह कदम उन्ही पहलों में से एक है। इससे सरकार और कंपनियों के बीच विश्वास बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस तरह का कानून नहीं चाहती है जो हर कारोबारी घराने या कारोबारी को संदेह की नजर से देखे।

वित्त मंत्री ने रविवार को चेन्नई में 'रोडमैप टू 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी' पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कॉर्पोरेट कानूनों को गैर-आपराधिक बनाने, टैक्स विवादों को निपटाने और सरकारी कंपनियों के निजीकरण जैसे कदम सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उठा रही है। सरकार ऐसे वैधानिक बदलावों की पहचान कर चुकी है, जो कंपनी कानून को गैर आपराधिक बनाने और जनहित को प्रभावित किए बिना जटिल प्रक्रियाओं को आसान करके कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं।

सीतारमण ने कहा, 'मेरा पहला और गंभीर प्रयास कंपनी कानून और उससे जुड़े कानूनों के विभिन्न प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटाना है, जो आज तक जारी है। यह वह अहम बिंदु है जिस पर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) बात करते रहते हैं।'

वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनी कानून में कई सारी धाराओं में जेल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा, 'मैंने गहन जांच परख के बाद इस मामले में कदम उठाया। कुछ मामलों में कंपनी कानून के तहत प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटाने का काफी प्रभाव पड़ेगा।'

कंपनीज एक्ट के बाद इनकम टैक्स एक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आपराधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाने पर विचार चल रहा है। वित्त मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वह करीब 10 दिन बाद वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश करने जा रही हैं।

सरकार 46 दंड प्रावधानों को संशोधित करके आपराधिक धाराओं को हटाएगी या सजा को जुर्माने तक सीमित किया जाएगा या डिफॉल्ट्स से निपटने के लिए अन्य तरीके अपनाए जाएंगे। इससे देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को बाधारहित बनाने में मदद मिलेगी। अभी टैक्स और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कानूनों में बदलाव की मंशा है।

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विचार के मुताबिक है, जो उन्होंने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन में रखा था। पीएम ने कहा था कि वेल्थ क्रिएटर्स को शक की निगाह से ना देखा जाए, लोगों के बीच संपत्ति का वितरण तभी हो सकता है जब उसका निर्माण हो। उन्होंने कहा था कि वेल्थ क्रिएशन भी देश सेवा है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.