दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी निजामुद्दीन मरकज के सदस्यों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे आगंतुकों से अपने गृह क्षेत्र वापस जाने को कहें ताकि कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर सामाजिक दूरी कायम करने के लिए जारी सरकारी आदेशों का पालन हो सके।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वीडियो 23 मार्च को हजरत निजामुद्दीन के थाना प्रभारी (एसएचओ) कार्यालय में बनाया गया था। वीडियो में दिख रहा है कि एसएचओ मरकज के सदस्यों से बार-बार कह रहे हैं कि सभी धार्मिक स्थल बंद हैं और एक स्थान पर पांच से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते।
#WATCH Delhi Police release a video of its warning to senior members of Markaz, Nizamuddin to vacate Markaz & follow lockdown guidelines, on 23rd March 2020. #COVID19 pic.twitter.com/2evZR6OcmB
— ANI (@ANI) March 31, 2020
वह मरकज के सदस्यों से कह रहे हैं कि इसके बावजूद उनकी इमारत में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हैं और यदि वे पुलिस की बात नहीं मानेंगे तो पुलिस को उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी। वीडियो में पुलिस अधिकारी मरकज के सदस्यों को क्षेत्र को खाली करने का एक नोटिस भी दिखा रहे हैं।
वीडियो जारी होने से पहले आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्ला खान और आतिशी ने पुलिस पर क्षेत्र को खाली न कराने और कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था।
वीडियो में एसएचओ मरकज के सदस्यों को सामाजिक दूरी बनाने की जरूरत के बारे में समझा रहे हैं और इमारत में रह रहे लोगों को निकालने के लिए एसडीएम से संपर्क करने को कह रहे हैं।
बैठक के दौरान मरकज के सदस्यों में से एक एसएचओ को बीच में रोकता है और कहता है कि उन्होंने 1,500 लोगों को निकाल दिया है लेकिन लखनऊ, बिजनौर और वाराणसी के एक हजार लोग अभी भी इमारत में हैं।
वीडियो में सदस्य कह रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण आगंतुक इमारत खाली करने में असमर्थ हैं। अधिकारी उनसे कह रहे हैं कि वह एसडीएम से इस बारे में बात करेंगे।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.