सांकेतिक तस्वीर
IANS

क्या आपके जेब में और घर पर रखे नोट बीमारियों का घर है? दरअसल ये नोट कई हाथों से गुजरते हैं जिसके चलते इनमे लोगों के हाथों में लगे बैक्टीरिया आ जाते हैं. पर क्या ये सचमुच में आपको बीमार कर सकते हैं? इस पर व्यापारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी संघ (कैट) ने मुद्रा नोटों से स्वास्थ्य संबंधी खतरा पैदा होने वाली खबरों का हवाला देते हुये वित्तमंत्री अरुण जेटली को रविवार को चिट्ठी लिखी और से इस संबंध में जांच करने का आग्रह किया है.

कैट ने इस पत्र की प्रति केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को भी भेजी है और उनसे इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है. कैट ने जिन शोध रिपोर्ट का उल्लेख किया है, उनमें ख़ास तौर पर कांउन्सिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के अंतर्गत काम करने वाले संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ़ गेनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी की शोध रिपोर्ट का जिक्र है.

कैट ने सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया है जिसमे कहा गया है कि नोटों में 78 तरह की बीमारिया फैलाने वाले सूक्ष्म जीव पाए गए हैं. डीएनए ने AIIMS के पूर्व क्लिनिकल रिसर्चर मुनीब फइक के हवाले से लिखा है कि "नोट उन सबसे गंदी चीजों में एक है जिसको आप टच करते हैं. कई बार तो ये आपकी टॉयलेट सीट से भी गंदे होते हैं. इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि कभी भी अपना थूक ऊंगलियों पर लगाकर इसे न गिनें क्योंकि इससे टीबी होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है."

सांकेतिक तस्वीर
INDRANIL MUKHERJEE/AFP/Getty Images

संगठन ने लोगों को करेंसी नोट के जरिये होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए कारगर उपाय करने की भी अपील की है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एवं केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन से भी मामले पर तुरंत संज्ञान लेने का आग्रह किया.

संगठन ने विभिन्न अध्ययनों के निष्कर्ष का हवाला देते हुये दावा किया कि नोटों में बैक्टीरिया पाये गये हैं, जो बीमारियां फैलाते हैं और इनसे पेट खराब होना, टी.बी और अल्सर जैसी अन्य बीमारियां को खतरा हो सकता है.

इस शोध के अनुसार, करेंसी नोटों में ऐसे 78 प्रकार के बैक्टीरिया पाए गए हैं, जो बीमारियां फैलाते हैं. हालांकि ये सिर्फ एक ही नोट में नहीं पाए गए. अधिकांश नोटों में पेट खराब होने, टी.बी.और अल्सर जैसी अन्य बीमारियां फैलाने के लक्षण मिले हैं. शोध में कहा गया है कि करेंसी नोटों से बीमारियां फैलने का खतरा सदा बना रहता है.

इसी प्रकार जर्नल ऑफ़ करंट माइक्रोबायोलॉजी एंड एप्लाइड साइंस ने तमिलनाडु के तिरुनवेली मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2016 में किए अपने एक शोध में पाया था कि उन्होंने जिन 120 करेंसी नोट पर शोध किया उनमें से 86.4 प्रतिशत नोट कई प्रकार की बीमारियां फैलाने वाले थे. ये नोट डॉक्टर्स, बैंक, स्थानीय बाज़ार, कसाई, विद्यार्थी एंड गृहणियों से लिए गए थे. डॉक्टरों से लिए गए नोटों में मूत्र संबन्धी, सांस लेने में परेशानी, सेप्टिसीमिया, स्किन इन्फेक्शन, मेनिनजाइटिस आदि बीमारी फैलाने के कीटाणु भी थे.

सांकेतिक तस्वीर
Reuters File

शोध रिपोर्टों के मुताबिक पेपर करेंसी हजारों प्रकार के कीटाणुओं के संपर्क में आती है चाहे वो किसी की अंगुली हो, वेटर के कपड़े हो, वेंडिंग मशीन हो या गद्दों के नीचे रखे गए नोट हो. करेंसी हजारों लोगों के हाथों से होकर गुजरती है जिनमें गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग भी शामिल हैं.

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि हर साल इस तरह की रिपोर्ट विज्ञान पत्रिकाओं में प्रकाशित होती है लेकिन दुख की बात स्वास्थ्य संबंधी जोखिम पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा की देश में व्यापारी वर्ग मुद्रा नोट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है क्योंकि अंतिम उपभोक्ता से उसका सीधा संपर्क होता है और यदि यह शोध रिपोर्ट सत्य हैं तो यह व्यापारियों के स्वास्थ्य के लिए घातक है. यही नहीं, यह उपभोक्ताओं को भी प्रभावित करेगा.