साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनारTwitter

हैदराबाद के बलात्कार और हत्या के चार आरोपियों को शुक्रवार (6 दिसंबर) को एक मुठभेड़ में मार गिराने के बाद साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनार, आईपीएस ने मीडिया को गोलीबारी के बारे में जानकारी दी।

कमिश्नर सज्जनार ने कहा कि चारों आरोपी मोहम्मद आरिफ (26) और चिंताकुंटा चेन्नेकशवुलु (20) और लॉरी क्लीनर जोलू शिवा (20) और जोलू नवीन (20) दस दिनों के लिए पुलिस हिरासत में थे और इस दौरान पुलिस द्वारा उनसे व्यापक पूछताछ की गई थी। आरोपियों द्वारा अपराध कबूल करने के बाद, उन्हें उस स्थान पर घटना को रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए ले जाया गया, जहाँ पर उन्होंने दिशा के शरीर को जलाकर फेंक दिया था।

मुठभेड़ सुबह 5.45 से 6.15 बजे के बीच हुई। उन्होंने कहा, "जब हम मौके पर पहुँचे तो अभियुक्तों ने हमपर पत्थरों और डंडों से हमला कर दिया और हमारी बंदूकें छीनने में कामयाब रहे। आप देख सकते हैं कि आरोपियों के हाथों में अभी भी हथियार पड़े हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप, हमें मजबूरी में आत्मरक्षा में उनपर गोली चलानी पड़ी जिसमे सभी ढेर हो गए।"

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मोहम्मद आरिफ ने सबसे पहले पुलिस पर गोलियां चलाईं थीं और उसने ही पत्थर और लाठियों से हमला भी किया गया था। कमिश्नर सज्जनार ने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा छीने गए हथियार "लॉक" किये हुए नहीं थे।

आयुक्त के अनुसार, मुठभेड़ के समय आरोपियों के साथ लगभग दस पुलिस कर्मी मौजूद थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो हथियार भी जब्त किए हैं। उन्होंने कहा, 'हमने घटनास्थल से पीड़ित का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है।'

आयुक्त ने यह भी कहा कि आरोपी कर्नाटक में कई अन्य अपराधों में शामिल थे जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने मीडिया से कहा कि मुठभेड़ से पता चलता है कि कानून ने अपना कर्तव्य निभाया है। चारों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया है।

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा मुठभेड़ का संज्ञान लिए जाने और एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों पर कहा कि हम एनएचआरसी, राज्य सरकार या किसी भी अन्य संगठन के जो भी सवाल हैं उनका जवाब देने के लिए तैयार हैं। साथ ही सीपी ने सोशल मीडिया या अन्य माध्यम पर पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करने की अपील की। मानवाधिकार निकाय ने कहा कि मुठभेड़ चिंता का विषय है और पूरे घटनाक्रम की सावधानी से जांच की जरूरत है।

एनएचआरसी ने महानिदेशक (जांच) को तुरंत एक टीम को गोलीबारी घटनास्थल पर जांच के लिए भेजने का आदेश दिया है। केंद्र सरकार ने 26 वर्षीय पशुचिकित्सक के कथित बलात्कारियों की हिरासत में हुई मौत पर राज्य सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है।