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Reuters

2 मई, 2011 का दिन अमेरिका और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। यही वह दिन था जब दुनिया से आतंक का एक अध्याय खत्म हुआ. अमेरिकी नौसेना के सील कमांडो ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में घुसकर अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को मारा था. सिर्फ नौ मिनट के अंदर सील टीम ने लादेन को खोज निकाला और मार गिराया. करीब 40 मिनट के अंदर पूरा ऑपरेशन खत्म हो गया था. इस मिशन का नाम ऑपरेशन नेपच्यून स्पीयर था. अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने कैसे ओसामा का पता लगाया और पूरे मिशन को कैसे अंजाम दिया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तक को भनक भी नहीं लगी, यह जानना बहुत ही दिलचस्प है.

अमेरिकी सरकार प्रतिबद्ध थी, उस शख्स को किसी हाल में ना छोड़ने के लिए जिसने उसे 9/11 का दर्द दिया था. 11 सितम्बर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स में दो जहाज घुस गए थे. यह एक तबाही थी. इसे याद कर आज भी अमेरिकियों के आंखें भर जाती हैं. लेकिन इस दर्द को अमेरिकी फोर्स ने हल्का कर दिया था, 2 मई 2011 को.

एक मई की रात पाकिस्तान में घुसकर अमेरिकी फोर्स ने एबटाबाद में छिपे 9/11 के मास्टर माइंड ओसमा बिन लादेन को मार गिराया. लेकिन अमेरिका में बैठकर इस योजना को बनाना आसान ना था. फिर योजना को जमीन पर उतराना उतना ही कठिन. उधर, उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति पूरे मिशन को टीवी पर देख रहे थे.

इधर, रात का खाना खाने के बाद लादेन का परिवार नमाज पढ़ने चला गया था. इस दिन पूरा परिवार जल्द ही नमाज पूरी कर के सीधे सोने के लिए चला गया, मानो उन्हें पहले ही इस घटना का भान हो. जिस वक्त पूरा परिवार सो रहा था, अचानक से घर में लाइट चली गई. चारों ओर से अंधेरा और सन्नाटा पसर गया. सबको लगा कि रोज की तरह लाइट कटी होगी.

उस रात की कहानी बताते हुए लादेन की चौथी पत्नी अमाल कहती हैं, "लाइट जाने के कुछ वक्त बाद ही लगा जैसे कोई घर के खिड़कियों से झांक रहा है. अचानक कुछ गड़गड़ाहट की आवाज आने लगी. हमें लगा घर के ऊपर कोई घुमावदार चीज घूम रही है."

आवाज के मजबूत होते ही लादेन भांप गया. वह अचानक से अपने बिस्तर से उठा और हड़बड़ाने लगा. उसकी पत्नी बताती हैं, वह पूरी तरह से बौखला गया. वह भागकर उस घर की तरफ बढ़ा जहां कुछ हथ‌ियार थे, लेनिक तब तक हमारे घर में हथ‌ियारबंद कई लोग घुस चुके थे.

अमेरिकी सेना के ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर की टीम एक-एक कर ओसामा के छत पर कूद रहे थे. नीचे के अंधेरे कमरे में कब उनके साथी पहुंच गए थे किसी को पता ही नहीं. कुछ सोचने समझने का मौका मिलता इससे पहले गोलियों की आवाज आने लगी. उनकी पत्नी बताती हैं कि कुछ मिनट बीते होंगे कि अमेरिकी सेना उस जगह तक पहुंचने वाली थी जहां वे अपने पति के साथ छिपी हुई थीं.

जब बिन लादेन ने ये भांप लिया कि अब उसका आखिरी वक्त आ गया है तो उसने अपनी पत्नी और बच्चे से कहा, "वो मुझे मारना चाहते हैं. तुम लोग नीचे जाओ. अमेरिका आ गया है." इसके बाद उसने अपनी एके 47 उठाकर अपने 13 साल के बेटे खालिद को दे दी.

पत्नी अमाल ने उसे बार-बार यह विनती की कि वह खुद को अपने परिवार से अलग ना करे. जो होगा साथ मिलकर देखा जाएगा. लेकिन ओसमा यह समझते पल भर का वक्त नहीं लगा कि यह कयामत की रात है. उसने जबरन अपने परिवार के लोगों को नीचे की ओर भेज दिया.

जैसे ही अमाल वहां से अपने बच्चे को लेकर निकली अमेरिकी सेना टॉप फ्लोर के उस बेडरूम में घुस गई. सबकुछ खत्म हो गया. बच्चे तेज आवाज में रोने लगे.

घटना को लेकर लादेन की पत्नी ने कहा, "हमें उस काली रात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था. किसी ने उन्हें हमारे घर का पूरा नक्‍शा दे दिया था. उन लोगों ने हर एक कदम का हिसाब लगा रखा था. वे नापतौल कर आगे बढ़ रहे थे. यह धोखा था. अमे‌‌रिकी सैनिकों ने हमारा घर तबाह कर दिया. हम काफी समय से उस घर में पूरे परिवार के साथ रहे थे. सबकुछ खत्म हो गया."

ओसमा बिन लादेन की पत्नी अमाल ने ये बातें स्कॉट-क्लार्क और एड्रिन लेवी को बताई थी. ये बातें 'द एग्जाइल: द फ्लाइट ऑफ ओसामा बिन लादेन अबाउट द लास्ट फ्यू मिनट्स ऑफ 9/11 मास्टरमाइंड्स लाइफ' में लिखी हुई है.