वर्षों तक ना-नुकुर करने के बाद आखिरकार भारतीय क्रिकेट बोर्ड राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) के दायरे में आने को तैयार हो गया है। खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी से शुक्रवार को मुलाकात के बाद जुलानिया ने कहा कि बोर्ड ने लिखित में दिया है कि वह नाडा की डोपिंग निरोधक नीति का पालन करेगा।
BCCI to now come under the ambit of NADA (National Anti-Doping Agency). Sports Secretary RS Julaniya says "BCCI does not have discretion to say no. All are same, everyone has to follow the same rules" pic.twitter.com/S2rTQ36KKg
— ANI (@ANI) 9 August 2019
उन्होंने कहा, 'अब सभी क्रिकेटरों का टेस्ट नाडा करेगी।' उन्होंने कहा, 'बीसीसीआई ने हमारे सामने तीन मसले रखे, जिसमें डोप टेस्ट किट्स की गुणवत्ता, पैथालॉजिस्ट की काबिलियत और नमूने इकट्ठे करने की प्रक्रिया शामिल थी।'
उन्होंने कहा, 'हमने उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें उनकी जरूरत के मुताबिक सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन उसका कुछ शुल्क लगेगा। बीसीसीआई दूसरों से अलग नहीं है।'
दूसरी ओर, बोर्ड के सीईओ राहुल जोहरी ने भी इसकी पुष्टि की। उन्होंने एएनआई को बताया, 'हां, अब बीसीसीआई नैशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के दायरे में आएगी। बीसीसीआई नाडा के सभी नियम पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।'
Rahul Johri, Chief Executive Officer, Board of Control for Cricket in India, on ‘BCCI to now come under the ambit of NADA (National Anti-Doping Agency)’: We have to follow the law of the land & BCCI is committed to follow the law that exists. pic.twitter.com/X0hMOMYcX9
— ANI (@ANI) 9 August 2019
अब तक बीसीसीआई नाडा के दायरे में आने से इनकार करता आया है। उसका दावा रहा है कि वह स्वायत्त ईकाई है, कोई राष्ट्रीय खेल महासंघ नहीं और सरकार से फंडिंग नहीं लेता। खेल मंत्रालय लगातार कहता आया है कि उसे नाडा के अंतर्गत आना होगा। उसने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका-ए और महिला टीमों के दौरों को मंजूरी रोक दी थी, जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि बीसीसीआई पर नाडा के दायरे में आने के लिए दबाव बनाने के मकसद से ऐसा किया गया।'
वह ताकत बढ़ाने वाला पदार्थ जिसे खाने से किसी भी खिलाड़ी का स्टैमिना एकदम से बढ़ जाए। इस शॉर्टकट के जरिए वह खेल के मैदान में अपने विरोधी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ सकता है।
कोई भी खिलाड़ी लिक्विड फॉर्म में इंजेक्शन के जरिए या प्रतिबंधित पाउडर खाकर या उसे पानी में घोलकर ले सकता है। इसे खाने-पीने की चीज में मिला कर भी लिया जा सकता है।
ताकत बढ़ाने वाली दवाओं के इस्तेमाल को पकड़ने के लिए डोप टेस्ट किया जाता है। किसी भी खिलाड़ी का किसी भी वक्त डोप टेस्ट लिया जा सकता है। किसी इवेंट से पहले या ट्रेनिंग कैंप के दौरान डोप टेस्ट में खिलाड़ियों का यूरिन लिया जाता है। ये टेस्ट NADA (नैशनल एंटी डोपिंग एजेंसी) या फिर WADA (वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी) की तरफ से कराए जाते हैं। इसमें खिलाड़ियों के यूरिन को वाडा या नाडा की खास लैब में टेस्ट किया जाता है। नाडा की लैब दिल्ली में और वाडा की लैब्स दुनिया में कई जगहों पर हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।