टाटा मोटर्स घरेलू वाहन बाजार में जारी सुस्ती के बाद भी कर्मचारियों की छंटनी नहीं करेगी। कंपनी को अगले कुछ महीनों में बाजार में उतारे जाने वाले नये उत्पादों के दम पर प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक गुंटर बटशेक ने पीटीआई भाषा से साक्षात्कार में यह जानकारी दी।
उनसे पूछा गया कि क्या वाहन क्षेत्र में जारी नरमी के कारण कंपनी कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है, उन्होंने कहा, ''हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है।'' उन्होंने कहा कि यदि कंपनी की ऐसा कुछ करने की योजना होती तो वह पहले ही कर चुकी होती।
बटशेक ने कहा, ''हम 12 महीने से नरमी के संकट से जूझ रहे हैं। यदि हम छंटनी करना चाहते तो हम पहले ही कर चुके होते।'' उन्होंने कहा कि कंपनी अगले कुछ महीने में एल्ट्रोज, नेक्सन ईवी और ग्रैविटास एसयूवी समेत अन्य उत्पाद बाजार में उतारने वाले हैं। इसके अलावा भारत चरण छह उत्सर्जन मानकों को अपनाना भी है।
उन्होंने कहा, ''मुझे यकीन है कि अर्थव्यवस्था चाहे जिस दिशा में जाये, हम बाजार से बेहतर प्रदर्शन करने के लिये तैयार हैं। चूंकि ये उत्पाद विभिन्न कीमत दायरे के हैं, हमारे मुनाफे की संभावनाएं हमेशा की तुलना में बेहतर स्थिति में है। अत: मैं अभी काफी सकारात्मक हूं।''
बटशेक ने कहा कि कंपनी मौजूदा स्थिति को पलटने के लिये वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में सभी आवश्यक कदम उठा रही है। यह क्षेत्र राजस्व के संदर्भ में कंपनी का आधार रहा है। उन्होंने कहा, ''हमारे पास सही उत्पाद हैं, हमारा डीलर नेटवर्क अभी बढ़िया काम कर रहा है और हमें लगता है कि वास्तव में हम 'लहर' पर सवार हो सकेंगे।''
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास लागत में कमी लाने तथा गुणवत्ता नियंत्रित करने के कदम उठाने समेत हर प्रकार की व्यवस्थाएं हैं। उन्होंने कहा, ''इस समय कर्मचारियों की छंटनी करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमें उस समय श्रमशक्ति की जरूरत होगी जब बाजार बढ़ रहा होगा।''
हालांकि, बटशेक ने माना कि उन्होंने अपने 30 साल के करियर में अब तक इस तरह की अनिश्चितता नहीं देखी है। उन्होंने कहा, ''हमें सजगता से चीजों को देखने...लचीले बने रहने तथा बेहतर समझ अपनाने की जरूरत है। हमें अभी जो दिख रहा है वह महज चक्रीय होने से अधिक संरचनात्मक कारणों से हैं। ऐसे में भविष्य अनिश्चित हो जाता है।''
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.