भारतीय वायुसेना का एक सुखोई लड़ाकू विमान गुरुवार रात असम में तेजपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक असम के तेजपुर में एयरफोर्स की नियमित ट्रेनिंग चल रही थी। इसी दौरान दो पायलट सुखोई-30 के साथ अभ्यास उड़ान भर रहे थे। तभी शाम करीब 8:30 बजे यह हादसे का शिकार हो। गनीमत रही गया की दोनों पायलट सुरक्षित हैं। फाइटर प्लेन में दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले दोनों पैराशूट के सहारे सुरक्षित जमीन पर उतरने में सफल रहे।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने बताया कि सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान एक नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था। यह रात करीब 8:30 बजे मिलनपुर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त होकर धान के एक खेत में गिर गया और उसमें आग लग गई। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा है।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय लोगों ने दोनों पायलटों को तेजपुर स्थित सेना के बेस अस्पताल पहुंचाया। अग्निशमन विभाग ने कहा कि आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर भेजी गईं। आधिकारिक सूत्रों ने दिल्ली में बताया कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए 'कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी' का आदेश दिया गया है।
मालूम हो कि भारत के पास 200 सुखोई विमान हैं। सुखोई-30 को बनाने के लिए भारत और रूस के बीच 2000 में समझौता हुआ था और भारत को पहला सुखोई-30 फाइटर प्लेन 2002 में मिला था। 2015 में रूस के सहयोग से भारत ने स्वेदश में ही निर्मित सुखोई-30 को भारतीय वायुसेना में शामिल करके अपनी ताकत कई गुना बढ़ा ली। लंबाई से लेकर रेंज और मिसाइल ले जाने की क्षमता तक के मामले में सुखोई का कोई जोड़ नहीं है। सुखोई लंबी रेज और उच्चा क्षमता वाला फाइटर प्लेन है।