रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी
रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानीREUTERS/Shailesh Andrade

सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी और दो अन्य डायरेक्टर्स को कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने एरिक्सन इंडिया की तरफ से 550 करोड़ रुपये जानबूझकर नहीं चुकाए जाने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर यह फैसला दिया। इस खबर के बाद रिलायंस समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। आरकॉम के शेयरों में 6.64 फीसदी, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में 4.50 फीसदी और रिलायंस पावर के शेयरों में 0.92 फीसदी की गिरावट है।

कोर्ट ने अनिल अंबानी को सख्त लहजे में एरिक्सन इंडिया को 4 सप्ताह के भीतर 453 करोड़ रुपये की बकाया राशि देने को कहा है। साथ ही यह भी कहा गया है कि समयसीमा के अंदर नहीं चुकाने पर तीनों को तीन-तीन महीने की जेल की सजा दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों पर आदेश की अवहेलना के लिए एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गौरतलब है कि रिलायंस ग्रुप के अध्यक्ष अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ बकाया भुगतान नहीं करने पर टेलिकॉम उपकरण निर्माता एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिलायंस समूह के शीर्ष अधिकारियों की तरफ से अंडरटेकिंग दी गई थी, ऐसा मालूम पड़ता है कि उन्होंने जान बूझकर एरिक्सन को आदेश के बावजूद भुगतान नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिलायंस समूह की ओर से एरिक्सन को चुकाने के लिए शीर्ष कोर्ट में पहले ही 118 करोड़ रुपये जमा कराए जा चुके हैं।

इस मामले में जिन दो डायरेक्टरों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई हुई है, उनमें एक रिलायंस टेलिकॉम के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इन्फ्राटेल के चेयरमैन छाया विरानी हैं।

इससे पहले, याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और विनीत सरन की पीठ ने 13 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जब एरिक्सन इंडिया ने आरोप लगाया था कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल विमान सौदे में निवेश के लिये रकम है, लेकिन वे उसके 550 करोड़ के बकाये का भुगतान करने में असमर्थ हैं। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने इस आरोप से इनकार किया था।

अनिल अंबानी ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि बड़े भाई मुकेश अंबानी ने नेतृत्व वाली रिलायंस जियो के साथ संपत्तियों की बिक्री का सौदा विफल होने के बाद उनकी कंपनी दिवालियेपन के लिए कार्यवाही कर रही है ऐसे में रकम पर उसका नियंत्रण नहीं है। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने अदालत को बताया था कि उसने एरिक्सन के बकाये का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए 'जमीन आसमान एक कर दिए' लेकिन वह रकम नहीं चुका पाया क्योंकि जियो के साथ उसका सौदा नहीं हो पाया। यह अवमानना याचिका अंबानी, रिलायंस टेलिकॉम के अध्यक्ष सतीश सेठ, रिलायंस इन्फ्राटेल की अध्यक्ष छाया विरानी और एसबीआई अध्यक्ष के खिलाफ दायर की गई थी।