दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की लगातार दूसरी बार जीत के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने रविवार को आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के छह सदस्यों को मंत्री पद की शपथ दिलायी। दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।
बैजल ने केजरीवाल के बाद पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया और अन्य मंत्रियों सत्येन्द्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन एवं राजेन्द्र पाल गौतम को भी एक एक कर शपथ ग्रहण करवायी।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह संपन्न हुये दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने शानदार जीत दर्ज कराते हुये विधानसभा की 70 में से 62 सीटों पर कब्जा जमाया है। गत सोमवार को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद बुधवार को सातवीं विधानसभा के गठन की औपचारिकता पूरी की गयी। इसके साथ ही राष्ट्रपति के एक आदेश से केजरीवाल को मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की नियुक्ति की गयी।
केजरीवाल की अगुवाई वाली 2015 में गठित पिछली सरकार में सिसोदिया के पास उपमुख्यमंत्री पद के अलावा शिक्षा एवं वित्त विभाग का भी प्रभार था। वह 2013 में बनी पहली केजरीवाल सरकार में भी मंत्री थे। जबकि पहली सरकार में केजरीवाल ने अपने पास गृह, वित्त, ऊर्जा और सतर्कता विभाग अपने पास रखे थे।
बैजल ने सिसोदिया के बाद जैन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। पिछली दोनों सरकारों में जैन को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। पहली आप सरकार में वह उद्योग मंत्री भी थे। उनके बाद गोपाल राय ने शपथ ग्रहण की। राय ने परंपरा से हटकर 'आजादी के शहीदों' के नाम पर शपथ ग्रहण की। पिछली सरकार में मंत्री रहे राय के पास परिवहन और मंडी मामलों सहित अन्य विभागों की जिम्मेदारी थी। बाद में उन्हें श्रम मंत्री का प्रभार सौंपते हुये केजरीवाल ने गहलोत को परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी थी। पूर्वी दिल्ली की बाबरपुर सीट से लगातार दो बार विधायक बने राय 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से चुनाव हार गये थे।
पहली आप सरकार में राखी बिड़लान, सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती और गिरीश सोनी को भी मंत्री बनाया गया था लेकिन दूसरी सरकार में इन चारों को केजरीवाल मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी। पिछली विधानसभा में राखी बिड़लान विधानसभा उपाध्यक्ष थीं। उल्लेखनीय है कि नवनियुक्त मंत्रिमंडल में केजरीवाल ने कोई फेरबदल किये बिना पिछली सरकार के सभी छह मंत्रियों को एक बार फिर जगह दी है।
बैजल ने राय के बाद कैलाश गहलोत को शपथ दिलायी। नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बने गहलोत पिछली सरकार में परिवहन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री थे। इसके बाद इमरान हुसैन और सबसे अंत में राजेन्द्र पाल गौतम ने शपथ ग्रहण की। इमरान ने अल्लाह और गौतम ने बुद्ध के नाम पर शपथ ग्रहण की। उ
ल्लेखनीय है कि शपथ के निर्धारित प्रारूप में 'ईश्वर' के नाम पर संविधान के प्रति सत्यनिष्ठा की शपथ लेने का प्रावधान है। इमरान के पास पिछली सरकार में उपभोक्ता एवं खाद्य विभाग और गौतम के पास अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।
जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के मुताबिक दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की अधिकतम संख्या सात हो सकती है। यह तीसरा मौका है जब केजरीवाल मंत्रिमंडल ने रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण की है।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले रविवार को सुबह केजरीवाल ने टि्वटर पर दिल्लीवासियों से ''अपने बेटे'' को आशीर्वाद देने के लिए शपथ ग्रहण समारोह में आने का अनुरोध किया था। इसके मद्देनजर सुबह दस बजे से ही रामलीला मैदान में आप समर्थकों का जुटना शुरु हो गया था। रामलीला मैदान में भारी भीड़ को देखते हुये सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
आप ने केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उनके साथ मंच साझा करने के लिए विभिन्न वर्गों के उन 50 लोगों को भी आमंत्रित किया था जिन्होंने पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार के कार्यों में विशेष सहयोग दिया। आईआईटी छात्र से लेकर दिल्ली मेट्रो की चालक सहित सभी 50 विशिष्ट आमंत्रित लोग शपथ ग्रहण के समय मंच पर मौजूद थे।
शपथ ग्रहण समारोह में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया था, हालांकि प्रधानमंत्री का रविवार को बनारस में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होने के कारण वह उपस्थित नहीं हो सके। उनके अलावा दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के भाजपा सांसदों और आठ विधायकों को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया था, हालांकि इनमें से किसी सांसद की मौजूदगी नहीं देखी गयी।
विधानसभा चुनाव में भाजपा के आठ विधायक जीते हैं। इनमें से रोहिणी सीट से लगातार दूसरी बार जीते विजेन्द्र गुप्ता शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे। गुप्ता पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.