यूएस फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी), टेक्नॉलजी कंपनी फेसबुक से 5 बिलियन डॉलर यानी 35 हजार करोड़ रुपये वसूलने वाला है। यह जुर्माना किसी टेक कंपनी पर अब तक का लगने वाला सबसे बड़ा जुर्माना है। इससे पहले साल 2012 में गूगल पर भी 22 मिलियन डॉलर(154 करोड़ रुपये) का जुर्माना लग चुका है। हालांकि फेसबुक इस जुर्माने के लिए पहले से ही तैयार था और इस जुर्माने का कंपनी पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि एफटीसी ने निजता का उल्लंघन और यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल करने के लिए फेसबुक पर जुर्माना लगाने जा रहा है। हालांकि फेसबुक और एफटीसी दोनों ने ही इस मामले में किसी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया। रिपोर्टों के अनुसार 3-2 वोटों के साथ इस जुर्माने को मंजूरी दी गई है।
फिलहाल यह मामला अब जस्टिस डिपार्टमेंट के सिविल डिविजन के पास समीक्षा के लिए चला गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, हालांकि इसे मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है।
वैसे तो कई कंपनियों के लिए 5 बिलियन डॉलर की यह रकम उन्हें घुटनों पर लाने के लिए काफी है। लेकिन फेसबुक इतनी अशक्त कंपनी नहीं है। इसने पिछले साल रेवेन्यू में 56 बिलियन डॉलर का निवेश किया था और जैक्स के अनुसार इसकी इस साल 69 बिलियन डॉलर निवेश करने की संभावना है।
बता दें पिछले साल एफटीसी ने यह घोषणा की थी कि उसने कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा करोड़ों यूजर्स का निजी डेटा चुराने के मामले में फेसबुक के खिलाफ जांच फिर से शुरू कर दी है। बता दें साल 2016 में डॉनल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान के लिए राजनीतिक सलाहकार कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका ने ही काम किया था और कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक के करीब 8.7 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी करने का मामला सामने आया था।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एपी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।