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Reuters

अमेरिका और ईरान के बीच पहले से तनाव के बीच तेहरान द्वारा अमेरिकी सेना का एक ड्रोन मार गिराने की घटना के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ड्रोन गिराने की खबर आने के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत तीन फीसदी से अधिक उछलकर प्रति बैरल 63 डॉलर पर पहुंच गई। बड़ी बात यह है कि फिलहाल यह तनाव घटने की संभावना नहीं दिख रही है, जिसके परिणामस्वरूप कच्चे तेल की कीमत में आग लगना तय माना जा रहा है।

अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी अगली बैठक में मुख्य ब्याज दर में कटौती का संकेत दिया है और यूएस क्रूड इनवेंट्री में गिरावट से भी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी तय है। अमेरिका दुनिया में सर्वाधिक तेल खपत करने वाला देश है।

ब्रेंट क्रूड की कीमत सुबह 10.35 बजे 1.40 डॉलर बढ़कर प्रति बैरल 63.22 डॉलर पर पहुंच गई, इससे पहले यह 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 63.88 डॉलर पर पहुंची थी। वहीं, यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडियट क्रूड 1.54 डॉलर बढ़कर प्रति बैरल 55.30 डॉलर पर पहुंच गया।

लंदन में इंटरफैक्स एनर्जी के अभिषेक कुमार ने कहा, 'अमेरिका तथा ईरान के बीच तनाव बढ़ने से मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा बढ़ा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आने वाले महीनों में रेट कट का संकेत दिया है, जिसे तेल की मांग में बढ़ोतरी के अनुकूल देखा जा रहा है।'

अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि ईरान की सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल ने स्ट्रेट ऑफ हॉर्मूज के ऊपर अंतरराष्ट्रीय एयरस्पेस में अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया है। वहीं, ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा है कि ड्रोन दक्षिणी ईरान के ऊपर उड़ान भर रहा था।

तेल आपूर्ति के एक चेक पॉइंट स्ट्रेट ऑफ हॉर्मूज के निकट दो तेल टैंकरों पर हमलों के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ रहा है। टैंकर पर हमलों के लिए वाशिंगटन ने तेहरान को जिम्मेदार ठहराया था, जबकि ईरान ने अमेरिकी आरोपों से इनकार किया था। गौरतलब है कि दुनिया का 20% से अधिक कच्चे तेल का स्रोत मध्य पूर्व है।

अर्थव्यवस्था में सुस्ती की चिंता और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर से बीतों कुछ हफ्तों में तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है। ब्रेंट क्रूड अप्रैल में 2019 के ऊपरी स्तर पर 75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। पेट्रोमैट्रिक्स के ऐनालिस्ट ओलिवियर जैकब ने कहा कि आने वाले समय में मुख्य ब्याज दरों में कटौती तेल के लिए अहम कारक साबित हो सकता है। ईरान तथा अमेरिका को तनाव आगे नहीं बढ़ाना चाहिए।

एनर्जी इन्फॉर्मेशन ऐडमिनिस्ट्रेशन ने बुधवार को कहा कि पिछले सप्ताह यूएस क्रूड के भंडार में 31 लाख बैरल की गिरावट आई है, जो विश्लेषकों की उम्मीद से कहीं अधिक है।

ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज और रूस सहित सहयोगी राष्ट्रों ने इस सप्ताह 1-2 जुलाई को बैठक की सहमति जताई है, जिसके साथ ही बैठक की टाइमिंग को लेकर एक महीने से जारी गतिरोध खत्म हो गया। ओपेक प्लस तेल उत्पादन में रोजाना 12 लाख बैरल की कटौती पर डील को आगे बढ़ा सकता है। यह डील जून में सप्ताह हो रही है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।