भारत में कोविड-19 संक्रमण के मामले दोगुने होने की दर इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित अमेरिका, इटली, स्पेन और ब्रिटेन जैसे अन्य देशों से धीमी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से भारत में रोगियों की मृत्यु दर भी इन विकसित देशों के मुकाबले काफी कम है।
स्वास्थ्य मंत्रालय और दुनियाभर में संक्रमण तथा मौत के पुष्ट मामलों को रिकॉर्ड करने वाली वेबसाइट 'वर्ल्डोमीटर' के आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के मामले पांच दिन में 500 से 1,000 हो गए और फिर चार दिन में 2,000 पर पहुंच गए।
इसके बाद केवल तीन दिन में मामलों की संख्या दोगुनी होकर 4000 पर पहुंच गयी लेकिन इसके बाद रोगियों की संख्या 8,000 पहुंचने में छह दिन लगे। इसके बाद मामलों की संख्या आठ दिन में 16,000 और 10 दिन में 32,000 पर पहुंची।
इसकी तुलना में अमेरिका में तीन दिन में मामले 500 से 1,000 हो गए और फिर दो ही दिन में 2,000 पर पहुंच गए। इसके बाद केवल तीन दिन में मामले दोगुने होकर 4000 पर और अगले दो दिन में 8,000 हो गये। इसके बाद मामलों की संख्या दो दिन में ही 16,000 पर और अगले दो ही दिन में 32,000 पर पहुंची।
इटली में इसी तरह से 500 से संक्रमण के मामलों का आंकड़ा 32,000 तक क्रमश: दो, दो, चार, तीन, चार और पांच दिन में दोगुना होते हुए पहुंचा। वहीं स्पेन में इसी रेंज में मामलों की संख्या की वृद्धि में क्रमश: दो, दो, दो, तीन, तीन और चार दिन लगे। ब्रिटेन और जर्मनी में भी मामले दोगुने होने की दर अपेक्षाकृत ज्यादा रही। हालांकि मामले दोगुने होने की दर के मामले में कनाडा की दर भारत से कम रही है।
इसी तरह आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत में जब सौ रोगियों की मौत हुई तब संक्रमण के 4,067 मामले थे। इस स्तर पर फ्रांस में 5,423, इटली में 3,089, स्पेन में 4,231, ब्रिटेन में 2,630 और ब्राजील में 3,904 मामले थे।
भारत में कोविड-19 संक्रमण से 500 रोगियों की मौत के आंकड़े के समय संक्रमितों की संख्या 15,712 थी। मौतों के इस आंकड़े के दौरान फ्रांस में मामलों की संख्या 14,459, इटली में 10,149, स्पेन में 13,716, ब्रिटेन में 11,658 और ब्राजील में 12,056 थी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.