भारत के अनुभवी बल्लेबाज सुरेश रैना ने कहा कि इस कोविड-19 महामारी संकट के समय में जिंदगी ज्यादा अहम है और आईपीएल इंतजार कर सकता है। रैना ने इस खतरनाक वायरस से देश की लड़ाई के लिये 52 लाख रूपये का दान दिया है।
देश में चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान वह सोशल मीडिया पर घर में रहने के महत्व पर जागरूकता फैला रहे हैं, साथ ही अपनी पत्नी की मदद भी कर रहे हैं जिन्होंने पिछले हफ्ते दूसरे बेटे रियो को जन्म दिया है।
अगर हालात सामान्य होते तो वह आईपीएल में खेल रहे होते लेकिन अभी वह अपने परिवार के लिये खाना पकाने का लुत्फ उठा रहे हैं और साथ ही घर के काम में हाथ बंटा रहे हैं। भारत के लिये अंतिम बार 2018 में खेलने वाले रैना से जब आईपीएल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस समय जिंदगी ज्यादा अहम है।
रैना ने पीटीआई से कहा, ''इस समय जिंदगी ज्यादा अहम है। आईपीएल निश्चित रूप से इंतजार कर सकता है। हमें लॉकडाउन पर सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा, वर्ना हम सभी को परिणाम भुगतने होंगे। जब जिंदगी बेहतर हो जायेगी तो हम आईपीएल के बारे में सोच सकते हैं। इतने सारे लोगों की इस समय जान जा रही है, हमें जिंदगियां बचाने की जरूरत है।''
उन्होंने कहा, ''मैं लॉकडान में रिलैक्स कर रहा हूं, खाना पका रहा हूं, बच्चों के साथ समय बिता रहा हूं। क्रिकेट के अलावा भी जिंदगी में इतना कुछ करने को है, इस तरह के क्षण आपको यह महसूस कराते हैं। इस लॉकडाउन से लोगों को जमीन से जुड़ने की महत्ता को महसूस करना चाहिए।''
रैना ने कहा, ''इस समय आपके घर और कार के आकार और आप क्या पहनते हो, इसकी तुलना में एक दिन में तीन वक्त का खाना ज्यादा अहमियत रखता है। मैं होस्टल के दिनों से ही खाना पकाता था, मुझे यह अच्छा लगता है। पत्नी ने पिछले हफ्ते बेटे को जन्म दिया है इसलिये घर के काम में हाथ बंटाकर खुश हूं।''
रैना का पिछला प्रतिस्पर्धी मैच पिछले साल आईपीएल फाइनल था और वह लॉकडाउन से पहले चेन्नई में इस सत्र की तैयारियों में जुटे थे।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.