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SAJJAD HUSSAIN/AFP/Getty Images)

बीते कुछ दिनों में बिहार के मुजफ्फरपुर और यूपी के देवरिया के अलावा ओडिशा के आश्रय स्थलों में रहने वाली लड़कियों के गायब होने और उनके साथ होने वाले यौन शोषण के मामले अभी ठन्डे भी पड़े थे की राजधानी दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम से 1 और 2 दिसंबर की रात को 9 लड़कियां संदिग्ध रूप से गायब हो गईं.

मिली जानकारी के मुताबिक एक दिसंबर से दो दिसंबर के बीच रात में लड़कियां लापता हुई हैं. पुलिस ने इस मामले में जीटीबी एन्क्लेव थाने में एफआईआर दर्ज कर लिया है.

इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर और आश्रम के अधीक्षक को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि इन 9 लड़कियों को बाल कल्याण समिति- VII के आदेश पर 4 मई 2018 को द्वारका के एक शेल्टर होम से इस शेल्टर होम में लाया गया था.सभी लड़कियां मानव तस्करी और देह व्यापार से बचाकर लाई गई थीं.

इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. स्वाति मालिवाल के मुताबिक आश्रय गृह के अधिकारीयों की सांठगांठ से कोठों के मालिकों द्वारा इनके अपहरण की संभावना की विस्तृत जांच की जानी चाहिए. इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर और शेल्टर होम के अधीक्षक को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया है.

दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की एफआईआर को क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित करने के अपील की है ताकि बच्चियों को खोजने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं.

इससे पहले भी आयोग में बाल कल्याण समिति V की पूर्व सदस्य ने दिलशाद गार्डन शेल्टर होम में व्याप्त अव्यवस्थाओं के बारे में एक शिकायत दर्ज करवाई थी. इसमें कहा गया था कि शेल्टर होम की लड़कियों के साथ गलत बर्ताव होता था और आश्रय गृह के अधीक्षक द्वारा उन्हें मारा पीटा जाता था. मगर इन शिकायतों पर न तो दिल्ली पुलिस और न ही महिला एवं बाल विकास विभाग ने कोई कार्रवाई की.