भारतीय विमानों में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. घरेलू विमानों में उड़ान के दौरान यात्रियों को अब इंटरनेट की सुविधा का लाभ मिल सकेगा. सरकार ने विमान में उड़ान के दौरान वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. सरकार ने इसके लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है. यह कदम यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के साथ ही घरेलू उड़ानों को वैश्विक एयरलाइंस के बराबर खड़ा करने के लिए उठाया गया है.
दूरसंचार विभाग ने दो साल पहले भारतीय हवाई क्षेत्र में इंटरनेट और मोबाइल संचार दोनों के लिए अनुमति की सिफारिश की थी। यह सुविधा एयरलाइंस को अधिक राजस्व एकत्र करने में मदद करेगी और साथ ही साथ टेलीकॉम को भी कमाई करने में मदद मिलेगी. उद्योग से जुड़ी रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक मानकों के अनुसार यह सेवा शुरू में थोड़ी महंगी हो सकती है.
हाल ही में विस्तारा एयरलाइंस ने इन-फ्लाइट डेटा सेवाओं के लिए टाटा समूह की कंपनी नेल्को के साथ पार्टनरशिप की है, जिसके शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है. विस्तारा टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) है. इसके भारत के अंदर उड़ान कनेक्टिविटी प्रदान करने वाले पहले घरेलू वाहक बनने की संभावना है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, "पायलट-इन-कमांड वाई-फाई के माध्यम से उड़ान के समय विमान में यात्रियों द्वारा इंटरनेट सेवाओं के उपयोग की अनुमति दे सकता है. फ्लाइट मोड या एयरप्लेन मोड के साथ लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट, स्मार्टवॉच, ई-रीडर आदि का उपयोग किया जा सकता है."
अधिसूचना में कहा गया है कि बशर्ते महानिदेशक इस संदर्भ में निर्दिष्ट प्रक्रियाओं के साथ वाई-फाई के माध्यम से उड़ान में इंटरनेट सेवा के उपयोग के लिए विमान को प्रमाणित करेंगे. इसके अलावा अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि विमानों के लैंड करने या रन वे के समय इस सेवा का उपयोग नहीं किया जाएगा.
सरकार ने अपनी हालिया अधिसूचना में यह भी कहा है कि उसे मसौदा नियमों के संबंध में जनता से कोई आपत्ति या सुझाव नहीं मिला है. वर्तमान में यह सेवा केवल रक्षा कर्मियों के लिए उपलब्ध है.
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.