बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की तरह ही उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित नारी संरक्षण गृह में भी देह व्यापार कराए जाने का खुलासा हुआ है. यह खुलासा संरक्षण गृह से भागी एक बालिका के रविवार को पुलिस के पास पहुँचने के बाद हुआ. रात में ही पुलिस ने छापा मारा तो संरक्षण गृह से 18 लड़कियां गायब मिलीं जिसके बाद पुलिस ने संचालिका और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रविवार देर रात पुलिस अधीक्षक रोहन पी. कनय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की सूची में 42 लडकियां दर्ज हैं, लेकिन छापे में मौके पर केवल 24 मिलीं. पुलिस का दावा है कि 18 बच्चे अब भी इस संस्था से गायब हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है.
One of the girls escaped from the shelter home, came to us & said they are treated like servants. She also said that cars come to pick girls above 15 years old & the girls come crying the next day. Investigation is underway: Superintendent of Police Rohan P Kanay pic.twitter.com/nJyjpl0mxz
— ANI UP (@ANINewsUP) August 5, 2018
नारी संरक्षण गृह के बारे में लंबे समय से शिकायत मिल रही थी. सीबीआई ने भी संरक्षण गृह को अनियमितताओं में चिह्नित कर रखा है जिसके चलते मान्यता जून-2017 में समाप्त कर दी गई थी. इसकी संचालिका हाईकोर्ट से स्थगनादेश लेकर इसे चला रही हैं.
एसपी ने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की रहने वाली 10 वर्षीय एक बच्ची रविवार की देर शाम किसी तरह संरक्षण गृह से निकलकर महिला थाने पहुंची और संरक्षण गृह की अनियमितताओं के बारे में बताया. बच्ची के मुताबिक, वहां शाम चार बजे के बाद रोजाना कई लोग काले और सफेद रंग की कारों से आते थे और मैडम के साथ लड़कियों को लेकर जाते थे जो देर रात लौटती थीं. संरक्षण गृह में भी गलत काम होता है. बच्ची ने बताया कि उससे भी झाड़ू-पोंछा तथा घर के अन्य काम कराए जाते थे.
एसपी ने बताया कि पुलिस ने रात में ही नारी संरक्षण गृह में छापा मारा. वहां रजिस्टर में अलग-अलग आयु वर्ग की 42 लड़कियां दर्ज हैं लेकिन मिलान करने पर 18 लड़कियां गायब मिलीं. संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन द्वारा इस बाबत कोई संतोषजनक जवाब न दिए जाने पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.