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अडाणी समूह ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया की विवादित कार्माइकल कोयला खदान परियोजना पर काम शुरू करने की अंतिम बाधा पार कर ली। क्वींसलैंड राज्य के अधिकारियों ने कंपनी की भूजल प्रबंधन योजना को मंजूर कर लिया।

इस तरह कंपनी को यह आखिरी नियामकीय अनुमति भी मिल गई है। कई अरब डॉलर की अडाणी समूह की यह परियोजना लंबे समय से अटकी थी।

क्वींसलैंड के पर्यावरण और विज्ञान विभाग (डीईएस) ने एक बयान में कहा कि उसने अडाणी के भूजल पर निर्भर पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन योजना को मंजूरी दी है।

अडाणी ने कहा है कि वह अपनी कार्माइकल खदान के लिए परमिट प्राप्त करते ही निर्माण शुरू करने के लिए तैयार है जो एक वर्ष में 8-10 मिलियन टन थर्मल कोयले का उत्पादन करेगा और इसकी लागत 1.5 बिलियन डॉलर तक होगी।

इससे पहले 31 मई को क्वींसलैंड राज्य सरकार ने कंपनी की विलुप्त प्राय, काली गर्दन वाले फिंच पक्षी के संरक्षण की योजना को मंजूरी दे दी थी। यह खनन परियोजना क्षेत्र पर कंपनी की अहम पर्यावरण सुरक्षा योजना का हिस्सा है। इस परियोजना पर काम शुरू करने को लेकर अडाणी समूह के सामने फिंच पक्षी का संरक्षण और भूजल का प्रबंधन ही दो प्रमुख बाधाएं थीं।

कंपनी के खनन स्थल पर कुछ दिनों में निर्माण शुरू करने की उम्मीद है। राज्य के पर्यावरण और विज्ञान विभाग ने एक बयान में कहा कि उसने समूह द्वारा कुछ ही दिन पहले उपलब्ध कराई गई एकदम नई योजना को स्वीकार कर लिया है। विभाग ने कहा कि यह योजना बेहतर आकलन और सबसे अच्छे उपलब्ध वैज्ञानिक समाधान पर आधारित है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले कंपनी ने भूजल प्रबंधन की दर्जन भर योजनाएं विभाग को सौंपी थीं। लेकिन उनमें से किसी को भी मंजूरी नहीं मिली।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।