ट्रेन से अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं को अगले साल से प्रस्तावित राम मंदिर की झलक शहर के रेलवे स्टेशन पर देखने को मिलेगी. अयोध्या रेलवे स्टेशन को अब राम मंदिर की प्रतिकृति के रूप में नया रंग-रूप दिया जाएगा. रेलवे के सूत्रों के अनुसार, अयोध्या रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण 2018 में करने की योजना थी, लेकिन राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले के कारण इसे रोक दिया गया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद यह परियोजना अब जल्द ही लागू होगी और दीवाली 2020 तक पूरी होगी.
खंभों और गुंबदों के साथ रेलवे स्टेशन एक भव्य मंदिर जैसे स्वरूप में नजर आएगा. यह मंदिर शहर की संस्कृति को प्रतिबिंबित करेगा. स्टेशन की दीवारों में शिलाओं की प्रतिकृति वाली ईटें लगाई जाएंगी. स्टेशन के सौंदर्यीकरण के संबंध में उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के एक दस्तावेज के अनुसार 'धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण' स्टेशन का पुनर्विकास तेजी से किया जाएगा.
स्टेशन को मंदिर का स्वरूप देने के अलावा यात्री सुविधाओं और सेवाओं को भी अपग्रेड किया जाएगा. छह मीटर चौड़े दो फुट-ओवर ब्रिज यात्रियों के आवागमन के लिए तीनों प्लेटफार्मो को जोड़ेंगे.
नया स्टेशन एलईडी लाइटों से जगमगाएगा. रेलवे अधिकारियों के लिए आवास के साथ-साथ इसके तीन प्लेटफार्मों पर लगभग 150 स्टील बेंचें, वातानुकूलित (एसी) प्रतीक्षालय और डीलक्स और माडर्न एग्जीक्यूटिव लाउंज और 24 पेयजल कियोस्क होंगे.
लखनऊ के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक (एनआर) जगदीश शुक्ला ने कहा, "80 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे स्टेशन का मंदिर की तर्ज पर सौंदर्यीकरण किया जाएगा. रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस को इस परियोजना पर काम करने के लिए कहा गया है, जो पहले से ही चल रहा है."
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.