#MeToo खुलासे के तहत कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण का आरोप झेल रहे केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. एमजे अकबर ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया है.
आईपीसी की इन धाराओं के तहत दोषी पाये जाने पर दो साल की सजा का प्रावधान है. केंद्रीय मंत्री ने लॉ फर्म करंजावाला एंड कंपनी के जरिये पत्रकार प्रिया रमानी पर केस दर्ज कराया है.दिलचस्प यह भी है कि ख़ुद वकील करंजावाला के खिलाफ एक महिला वकील ने भी सेक्सुअल हरासमेंट के आरोप लगा रखे हैं.
Union Minister MJ Akbar files criminal defamation case in Delhi's Patiala House Court against journalist Priya Ramani, through his advocates Karanjawala & Co. pic.twitter.com/JilOOi3Fw4
— ANI (@ANI) October 15, 2018
बता दें कि रविवार को केन्द्रीय मंत्री ने विदेश दौरे से लौटने के बाद अपने खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों को निराधार और गलत बताया था. एमजे अकबर ने रविवार को ही कहा था कि वे ऐसा आरोप लगाने वाली पत्रकारों के खिलाफ कोर्ट जाएंगे.अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ झूठे आरोप लगा कर बदनाम करने की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया है.
अपनी याचिका में एम जे अकबर ने कहा है कि 2016 में प्रधानमंत्री ने उन्हें मंत्री बनाया था. वो मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद है. अकबर ने ये भी कहा कि उन्होंने अपने करियर में The making of India, Kashmir behind the valley जैसी कई महत्वपूर्ण किताबे लिखीं है. उन्होंने याचिका में कहा, "इस मामले में आरोपी प्रिया रमानी पेशे से पत्रकार हैं. उनके आरोपों से मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा को भारी धक्का लगा है." याचिका के मुताबिक आरोपी ने उनके खिलाफ अखबार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में उनके खिलाफ लिखा जिससे उन्हें भारी धक्का लगा है.
उन्होंने कहा कि इस महिला पत्रकार ने इस तरह के आरोप लगाकर, ट्वीट करके और आर्टिकल पब्लिश कराकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुचाया है. ये आरोप झूठे मानहानि करने वाले और बदनीयती से लगाये गए हैं. अकबर ने याचिका में यह भी कहा है कि ये सब एजेंडा से प्रेरित है. याचिका में कहा गया है कि उन पर लगाए गए आरोपों से ना केवल उनकी बदनामी हुई है बल्कि सालों की कडी मेहनत के बाद स्थापित सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है. याचिका में एमजे अकबर ने 6 गवाहों का भी जिक्र किया है. बता दें कि मिंट लाउंज की पूर्व संपादक प्रिया रमानी ने सबसे पहले केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर पर इल्जाम लगाया था. प्रिया रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था.