सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरReuters

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक महिला को अपने ससुर के साथ तीन तलाक के बाद जबरन 'निकाह-हलाला' के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है। गुजारा भत्ते के लिए चल रहे एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान पता चला है कि 2017 में महिला के पति ने उसे तत्काल तीन तलाक दे दिया। आरोप है कि पति ने अपने भाई के साथ हलाला के लिए भी उस पर दबाव बनाया।

इस मामले में पीड़ित की बहन ने अदालत में जज अजय सिंह के समक्ष दाखिल याचिका में कहा कि उसकी बहन की शादी किला निवासी शख्स से 2009 में हुई थी।

याचिका में आगे कहा गया कि शादी के दो साल बाद बहन को कोई संतान न होने पर उसके ससुराल पक्ष ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसके साथ बुरा बर्ताव किया गया, कई दिनों तक उसे बिना भोजन के रखा गया और इसी बीच उसकी बहन को पति द्वारा यौन उत्पीड़न तक सहना पड़ा।

मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़िता को पहली बार साल 2011 में तलाक दिया गया था। बाद में पीड़िता के परिवार ने उसके पति से अपने फैसले पर दोबारा विचार करन को कहा। दोबारा निकाह को लेकर पति ने अपनी शर्त रखते हुए पीड़िता को अपने पिता के साथ हलाला प्रक्रिया करने को कहा।

पीड़िता की बहन ने बताया कि जब उसकी बहन ने हलाला प्रक्रिया से गुजरने से मना कर दिया तो उसके ससुराल पक्ष ने उसे जबरन संतान पैदा करने वाले इंजेक्शन लगवाए। इसके बाद उसके ससुर ने उसके साथ हलाला किया और अगले 10 दिनों तक उसने पीड़िता के साथ बलात्कार किया और बाद में उसे तीन तलाक दे दिया ताकि वह दोबारा अपने पति से निकाह कर सके।

इन सबके 6 साल बाद यानी साल 2017 में एक बार फिर पीड़िता को तलाक दिया गया। इस बार भी पहले की तरह शर्त रखी गई लेकिन इस बार ससुर की जगह छोटा भाई था।इस बार ससुराल वालों ने उसके पति के छोटे भाई संग हलाला कराने पर जोर दिया।

इसके बाद गुजारे भत्ते की मांग के लिए परिवार कोर्ट पहुंचा। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 15 फरवरी तय की है। आरोपी पति और ससुरालवालों के खिलाफ पहले से ही आईपीसी की धारा 498ए (दहेज), 377 (अप्राकृतिक सेक्स), 376 (रेप), 323 (किसी को चोट पहुंचाना), 328 (जहर देकर आपराधिक इरादे से नुकसान पहुंचा) और 511 समेत 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज है। 18 जुलाई 2018 को किला पुलिस स्टेशन में ये मामले दर्ज हुए थे।