सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरCreative Commons

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेवर हवाई अड्डे पर बनने वाले रनवे की संख्या को दोगुना करके चार से आठ करने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया है। अगर ऐसा होता है तो उत्तर प्रदेश में बनने वाला जेवर हवाईअड्डा वर्तमान में सात रनवे वाले शिकागो के ओ'हारे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को पछाड़कर दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा।

यह प्रस्ताव 14 जून को मुख्यमंत्री की नोएडा यात्रा के दौरान तैयार किया गया था। मूल योजना में चार रनवे थे, जो दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से एक अधिक था। प्राइसवाटरहाउसकूपर्स ने चार रनवे बनाने की व्यवहार्यता के लिए एक सर्वेक्षण किया था। भारत सरकार रनवे को छह तक बढ़ाने के लिए जमीन के एक और अध्ययन की तैयारी कर रही थी। अब, योगी आदित्यनाथ के इस नए प्रस्ताव के बाद हवाई अड्डे के विस्तार की नई योजनाएँ सामने आ सकती हैं।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना को आगामी कुछ वर्षों में पूरा करने की तैयारी है क्योंकि कई रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का इंदिरा गांधी हवाई अड्डा वर्ष 2024 तक अपने संतृप्ति बिंदु पर पहुंच जाएगा।

दिल्ली हवाई अड्डे पर हर साल छह करोड़ से ज्यादा यात्री आते-जाते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। नागरिक विमानन मंत्रालय खुद कह चुका है कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए दिल्ली के एयर ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए 2040 तक यहां पर 3 एयरपोर्ट चाहिए होगा। अगले कुछ सालों में यात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी और यह 11 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

दिल्ली एयरपोर्ट से 88 किलोमीटर दूर जेवर एयरपोर्ट के विकास के लिए लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 1239 हेक्टेयर भूमि पर जेवर के 6 गांवों में भूमि अधिग्रहण को लेकर 30 अक्टूबर 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया। इससे पहले 17 अक्टूबर को जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट भेजा था। स्थानीय प्रशासन को योजना के पहले चरण के तहत 1239 हेक्टेयर भूमि हासिल करने के लिए जेवर में 6 गांवों से करीब 3 हजार किसानों से जमीन अधिग्रहित करनी होगी और इसमें 3,600 परिवार प्रभावित होंगे।

स्थानीय प्रशासन ने अधिग्रहण का काम शुरू भी कर दिया है। हालांकि जेवर एयरपोर्ट को पूर्ण रूप से तैयार करने के लिए सरकार को कम से कम 5 हजार हेक्टेयर जमीन की दरकार होगी।

दिल्ली-एनसीआर के इस दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को तैयार करने में लगभग 15 हजार से 20 हजार करोड़ की लागत आ सकती है और इसके 2022-23 में बनकर तैयार होने की संभावना है।

जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अभी अपने शुरुआती रूप में है, लेकिन अगले 3-4 सालों में जब यह बनकर तैयार हो जाएगा तो न सिर्फ दुनिया का विशालकाय एयरपोर्ट होगा बल्कि हजारों लोगों के रोजगार का साधन बनेगा। हालांकि एक बात यह भी है कि इसके लिए करीब पौने 4 हजार परिवारों को अपने जड़ से अलग होना पड़ेगा। सरकार और प्रशासन इनके पुर्नवास की बात तो कर रही है, लेकिन चंद मुआवजों के अलावा उनके लिए ऐसी व्यवस्था भी होनी चाहिए कि उन्हें अपनी जमीन छोड़ने का कभी अफसोस न हो और सरकार जमीन अधिग्रहण को लेकर ऐसी नजीर भी पेश करे कि हर जगह इस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाए।